इंडिया न्यूज़ (दिल्ली):मध्य-पूर्वी देश लेबनान की राजधानी बेरुत के बंदरगाह पर हुए धमाके को दो साल हो गए,चार अगस्त 2020 को बेरुत बंदरगाह पर हुए धमाके में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे,बंदरगाह पर अमोनियम नाइट्रेट से भरे गोदाम में धमाका हुआ था,यह धमाका इतना जोरदार था की इस से बेरुत शहर के 77,000 इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे,सात हज़ार लोग घायल हुए थे और तीन लाख लोग विस्थापित हुए थे इसमें करीब 80,000 बच्चे थे,इस धमाके को 200 किलोमीटर तक महसूस किया गया था.
विशेषज्ञों की माने तो यह पिछले कुछ सालो में सबसे बड़े गैर परमाणु धमाकों में से एक था,इस धमाके के बाद संयुक्त राष्ट्र के 37 मानवधिकार विशेषज्ञों ने एक पत्र जारी कर लेबनान सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लेबनान के लोगो के लिए इंसाफ की मांग की थी.
इस मामले की जांच कई बार लेबनान सरकार ने रोका और शुरू किया है,पीड़ित और विशेषज्ञ इस मामले में संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार संगठन के नेतृत्व में जांच की मांग कर रहे है.
इस धमाके से पूरे लेबनान में खाने का संकट पैदा हो गया था क्योंकि लेबनान अपने खाने की जरुरत का 80 प्रतिशत आयात करता है और बेरुत बंदरगाह इसका सबसे बड़ा केंद्र था.
आज लेबनान के लोग बिजली,तेल,दवाइयों,साफ़ पानी के लिए दर-दर भटक रहे है,पिछले दो साल में देश की मुद्रा 95 प्रतिशत तक गिर गई है,मुद्रा स्फ़ीति जून के महीने में 210 प्रतिशत रही है.
इस घटना के बाद कई देशो ने लेबनान को मदद का भरोसा दिया था लेकिन ज्यादा कुछ हो नही सका.
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.