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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (In Foreign Fighter Jets) : विदेशी फाइटर जेटो में भारतीय तेजस विमान अव्वल रहा। इसकी खाशियत को देखते हुए यह मलेशिया की पहली पसंद बन गया है। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत अभियान की शुरूआत की थी। उनका लक्ष्य घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना था। अब मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत दुनिया के 70 देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है।
एक समय ऐसा भी था कि जब भारत सबसे ज्यादा रक्षा उपकरणों को खरीदता था। वहीं भारत अब रक्षा उपकरणों को बेचने के साथ ही महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल सौदे के बाद इस दावे को थोड़ी मजबूती मिली थी। लेकिन अब मलेशिया ने भारतीय तेजस विमान में दिलचस्पी दिखा कर इस दावे को काफी मजबूति प्रदान की है। देखा जाए तो भारत दक्षिण पूर्व एशिया में चीन के दुश्मनों को घातक हथियार प्राथमिकता के आधार पर बेच रहा है।
विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत ने बताया कि यह रक्षा सौदा जितना आसान दिख रहा है, उतना है नहीं। तेजस को लेकर काफी प्रतिस्पर्धा है। मलेशिया को हल्के लड़ाकू विमान बेचने के लिए भारत के साथ प्रतिस्पर्धा करने वालों में मुख्य रूप से तुर्की, चीन, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण कोरिया हैं। हालांकि, मलेशिया, चीन और पाकिस्तान द्वारा पेश किए गए लड़ाकू जेट विमानों को नहीं खरीद रहा है। वहीं चीन और पाकिस्तान ने कुआलालंपुर में सामूहिक रूप से जेएफ -17 थंडर विमान की पेशकश की है। दक्षिण कोरिया और रूस की ओर से पेश किए गए एफए-50 गोल्डन ईगल और मिग-35 रायल मलेशियाई वायु सेना के लिए सस्ती नहीं है।
1- तेजस दूर से ही दुश्मन के विमानों पर निशाना साधने में पूर्ण रूप से सक्षम है। यह विमान अपने अत्याधुनिक सिस्टम के कारण युद्ध के मैदान में यह दुश्मन के रडार को चकमा देने के साथ ही दुश्मन के विमान को असानी से गिरा सकता है। इसकी खाश विशेषता यह है कि यह विमान भारी भरकम वजन वाला सुखोई विमान के समान उतने ही हथियारों और मिसाइलों को लेकर उड़ने में सक्षम है। तेजस विमान आठ से नौ टन तक के बोझ को लेकर असानी से उड़ान भर सकता है।
2- तेजस की दूसरी सबसे बड़ी खूबी इसकी गति है। यह अपनी गति के कारण दुनिया के अन्य विमानों से काफी अच्छा है। यह अन्य युद्धक विमानों की अपेक्षा काफी हल्का है। इस विमान के हल्का होने के कारण इसकी गति बेजोड़ है। इसके अलावा तेजस 52 हजार फीट की ऊंचाई तक ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की तेजी से उड़ सकता है। तेजस में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है। यह विमान इलेक्ट्रानिक रूप से स्कैन रडार, बियांड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रानिक वारफेयर सुइट से परिपूर्ण है।
3- तेजस की तीसरी खाशियत यह है कि यह हवा में ईंधन भर सकता है और जंग के लिए दोबारा तैयार हो सकता है। यह क्षमता दुनिया के बहुत कम युद्धक विमानों में है। तेजस एक साथ नौ तरह के हथियारों से हमला करने में सक्षम है। इस पर एंटीशिप मिसाइल, बम और राकेट भी लगाए जा सकते हैं। यह लड़ाकू विमान हवा से हवा में, हवा से जमीन पर एवं हवा से पानी में मिसाइल दागने की क्षमता रखता है।
4- तेजस की चौथी खाशियत यह है कि यह 460 मीटर के रनवे पर दौड़कर उड़ने की क्षमता रखता है। इस तरह यह नौ सेना के किसी भी विमानवाहक पोत से टेक आफ और उस पर लैंडिंग आसानी से हो सकती है। कम उंचाई पर भी यह विमान उड़ान भरकर शत्रु सेना पर नजदीक से हमला कर सकता है। इसके अलावा यह विमान लेजर गाइडेड मिसाइल से आक्रमण करने में सक्षम है। इसकी सबसे बड़ी खाशियत यह है कि जैमर प्रोटेक्शन तकनीक से लैस होने के कारण यह दुश्मन की आंखों में आसानी से धूल झोंक सकता है।
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