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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (RBI Governor): भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति अपने पीक पर पहुंचने के बाद अगले 2 साल के भीतर 4% तक आज जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल महंगाई चरम पर है और मूल्य लाभ स्थिर हो रहा है। एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक बैंकिंग क्षेत्र के नियामक के रूप में स्वामित्व के मामले में तटस्थ है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि एक नियामक के रूप में हम दिशा-निर्देश तय करते हैं और यह सुनिश्चित करना हमारा काम है कि उन दिशा-निदेर्शों का पालन हो जिसे बैंकिग क्षेत्र सुव्यवस्थित तरीके से अपना काम करता रहे। आरबीआई गवर्नर के अनुसार बैंक मजबूत होते हैं, वे बेहतर तरीके से पूंजीकृत होते हैं। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके वित्तीय मानदंड मजबूत हों।
आरबीआई गवर्नर ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा है कि हम बैंकों स्वामित्व के प्रति अज्ञेयवादी हैं, हम इस मामले में तटस्थ हैं। उनपर मालिकाना हक किनका है एक नियामक के रूप में हमें इससे कोई खास मतलब नहीं है।
यह बैंक के स्वामियों को तय करना होता है कि वे कितनी शेयरहोल्डिंग रखते हैं या किसी दूसरे को कितनी शेयरहोल्डिंग देते हैं? वे अपनी शेयर होल्डिंग सार्वजनिक करें या फिर जिसे चाहे दें एक नियामक के तौर पर हम तटस्थ हैं। हमारी ओर से जारी दिशा-निर्देश भी स्वामित्व के मामले में तटस्थ होते हैं।
बता दें कि आरबीआई की ओर से इसी महीने जारी बुलेटिन में कहा गया कि सरकार को बैंकों के निजीकरण में धीमा रुख अपनाना चाहिए। इससे फाइनेंशियल इनक्लूजन के सामाजिक लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। हालांकि बाद में आरबीआई की ओर कहा गया था कि ये लेखक के ‘निजी विचार’ हैं। जरूरी नहीं है कि आरबीआई उससे सहमत हो।
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