इंडिया न्यूज (Benefits of Meditation)
मेडिटेशन सदियों से किया जाता आ रहा है, और मेडिटेशन का अभ्यास करने के कई प्रकार हैं, उनमें से मुख्य है ध्यान। रिसर्च में मेडिटेशन के कई लाभ हैं- जैसे यह दर्द में राहत देता है, रक्तचाप को नियंत्रित रखता है, तनाव और चिंता को कम करता है, नींद में सुधार करने में मददगार है, हृदय रोग के जोखिम को कम करता है, एकाग्रता और फोकस बढ़ाने में सहायक है। यही कारण है कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन के लिए विशेषज्ञ ध्यान करने का सुझाव देते हैं लेकिन करना कैसे और कब है। चलिए इस बारे में बताते हैं।
ध्यान गहराई से सोचने या दिमाग को कुछ समय के लिए केंद्रित करने का अभ्यास है। यह मौन रहकर या जप की सहायता से किया जा सकता है और कई कारणों से किया जाता है, धार्मिक या आध्यात्मिक उद्देश्यों से लेकर मन की शान्ति पाने तक।
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प्राणायाम ध्यान: यह श्वसन का अभ्यास करने का तरीका है। सांस को गहराई से अंदर लें। चार सेकंड के लिए रोककर रखें और फिर चार सेकंड के लिए सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को दोहराएं। यह ब्लड प्रेशर और तनाव के स्तर को कम करता है। नींद भी अच्छी होती है। फेफड़ों को मजबूती मिलती है और उनकी कार्यप्रणाली बेहतर बनाती है।
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आध्यात्मिक ध्यान: यह ध्यान ईश्वर के साथ एक गहरा संबंध बनाने में मदद करता है। इसका अभ्यास करने के लिए इतना सुनिश्चित करना है कि आप मौन में बैठें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। ध्यान करते हुए आपका हर एक विचार आपकी सांसों पर केंद्रित होना चाहिए। स्वयं के अध्ययन और आत्मा को जानने में यह विधि कारगर है। आध्यात्मिक ध्यान पूजा स्थल पर बैठकर भी कर सकते हैं।
सचेतन ध्यान: इसे ह्यओपन अवेयरनेस मेडिटेशनह्ण के नाम से भी जाना जाता है। यह ध्यान व्यक्ति को वर्तमान में जागरूक और उपस्थित रहने में मदद करता है। इसके अभ्यास से खुद को सचेत और सतर्क बना सकते हैं। अभ्यास करने के दौरान आसपास हो रही सभी गतिविधियों, ध्वनियों और गंध पर ध्यान केंद्रित करना होता है। मन को एकाग्र और मजबूत करने में, बुद्धि को तेज करने में यह विधि उपयोगी सिद्ध होती है।
मंत्र ध्यान: यह मंत्र का प्रयोग करके अपने मन को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया है। इसमें आंखें बंद करके मंत्र जैसे ॐ या ॐ नम: शिवाय का उच्चारण दोहराते हुए ध्यान लगाया जाता है। मंत्र का उच्चारण तेज या धीमी आवाज में कर सकते हैं। इससे नकारात्मकता दूर होती है। दिमाग की एकाग्रता बढ़ती है, तनाव कम होता और हर लिहाज से स्वास्थ्य को लाभ पहुंचता है। जाप के साथ-साथ गहरी सांस लेते रहें और छोड़ते रहें। सांसों पर ध्यान दें और ध्यान भटकने न दें।
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