संबंधित खबरें
Jharkhand Assembly Hot Seat: सोरेन परिवार, बाबूलाल मरांडी से लेकर चम्पई सोरेन और सुदेश महतो तक, झारखंड के इन दिग्गजों के किस्मत का आज होगा फैसला
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: झारखंड-महाराष्ट्र में मतगणना शुरू, शुरुआती रुझानों में बीजेपी गठबंधन को दोनों राज्यों में बढ़त
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह
मणिपुर में जल्द होगी शांति! राज्य में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, उपद्रवियों के बुरे दिन शुरू
नतीजों से पहले ही हो गई होटलों की बुकिंग? झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस ने विधायकों को दिया सीक्रेट इशारा
इंडिया न्यूज, अहमदाबाद, (4400 Crore Projects) : भुज में 4400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 2047 तक भारत विश्व का विकसित देश होगा। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात को बदनाम करने और निवेश को रोकने के लिए कई साजिशें रची गई लेकिन गुजरात ने इन्हें नजरअंदाज कर प्रगति का नया मार्ग प्रशस्त किया। मोदी इस वर्ष के अंत में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भुज में विकास कार्यों का उद्घाटन करने और उनकी नींव रखने के बाद एक रैली को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि फिलहाल कई कमियों के बावजूद वह साफ तौर पर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनते हुए देख सकते हैं। मोदी ने भुज में 4400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी। जिनमें सरदार सरोवर परियोजना की कच्छ शाखा नहर, सरहद डेयरी की नई स्वचालित दूध प्रसंस्करण और पैकिंग संयंत्र, भुज में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, गांधीधाम में डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर सम्मेलन केंद्र, अंजार में वीर बाल स्मारक और नखत्राणा में भुज 2 उपस्टेशन शामिल है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गुजरात में एक के बाद एक प्राकृतिक आपदाएं घट रही थी। उस वक्त राज्य सरकार इन आपदाओं से निपटने में मशगुल थी उस वक्त गुजरात को देश और दुनिया में बदनाम करने की साजिशे रची गईं। गुजरात में आने वाले निवेश को रोकने के लिए बार-बार प्रयास किए गए। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात ने उसे बदनाम करने वाले सभी प्रयासों को नजरअंदाज किया, साजिशों को नाकाम किया और राज्य प्रगति के नए पथ पर धीरे धीरे आगे बढ़ा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2001 में कच्छ के विनाशकारी भूकंप के बाद मैंने कच्छ के पुनर्विकास के बारे में लोगों से कहा था और इसके लिए हमने कड़ी मेहनत भी की थी। उस चुनौतीपूर्ण समय में हमने कहा था कि हम आपदा को अवसर में बदलेंगे और हमने आज इसे हासिल किया। आज हम सब इसका परिणाम देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उस दौरान कई लोग ऐसे थे, जिन्होंने कहा था कि कच्छ भूकंप से उबर नहीं पाएगा, लेकिन लोगों ने परिदृश्य बदल दिया है। मोदी ने कहा कि जब मैं लालकिले की प्राचीर से बोलता हूं कि 2047 तक भारत विकसित देश होगा, मैं यह साफ तौर पर देख सकता हूं। हालांकि आप कुछ कमियां देख सकते हैं। हम आज जिसका संकल्प लेते हैं, उसे हम 2047 में निश्चित रूप से आप सबों के सहयोग से साकार करेंगे।
उन्होंने कहा कि गुजरात देश में ऐसा पहला राज्य बना जिसने आपदा प्रबंधन कानून बनाया। उन्होंने कहा कि इस कानून से प्रेरणा लेकर देश के दूसरे राज्यों ने ऐसा ही एक कानून बनाया। इस कानून ने कोविड-19 महामारी के दौरान देश में हर सरकार की मदद की। कच्छ में मई 2001 में मची तबाही के बाद किए गए असाधारण कामों को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि 2003 में क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी और इसके बाद 35 से ज्यादा नए कॉलेजों की स्थापना भी की गई है।
उन्होंने भूकंपरोधी जिला अस्पतालों और क्षेत्र में 200 से अधिक क्लीनिक के बारे में भी बात की और कहा कि हर घर को पवित्र नर्मदा का साफ पानी मिलता है। भूकंप के बाद क्षेत्र के विकास के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा कि कच्छ में आज दुनिया के सबसे बड़ा सीमेंट संयंत्र हैं। वेल्डिंग पाइप निर्माण के मामले में यह दुनिया में दूसरे स्थान पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा संयंत्र कच्छ में है। एशिया का पहला विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) कच्छ में बना है।
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने कच्छ की समृद्धि और समृद्ध विरासत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भुज में स्मृति वन स्मारक और अंजार में वीर बाल स्मारक कच्छ, गुजरात और पूरे देश के साझा दर्द का प्रतीक हैं। मोदी ने इन दोनों स्मारकों का उदघाटन किया था जो 2001 के कच्छ भूकंप के लगभग 13,000 पीड़ितों को समर्पित हैं।
मोदी ने कहा कि स्मारक का उदघाटन करते समय कहा कि मैं पूरी विनम्रता के साथ यह कह सकता हूं कि दिवंगत आत्माओं की याद में स्मृति वन स्मारक अमेरिका में 9/11 स्मारक और जापान में हिरोशिमा स्मारक के समान है। मोदी ने कहा कि उन्हें याद है कि जब कच्छ में भूकंप आया था तो वह दूसरे दिन ही यहां पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि मैं तब गुजरात का मुख्यमंत्री नहीं था, मैं एक साधारण (भाजपा) पार्टी का कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं किस तरह से और कितने लोगों की मदद कर पाऊंगा। लेकिन मैंने निश्चय किया था कि दुख की इस घड़ी में मैं आप सभी के बीच रहूंगा और जब मैं मुख्यमंत्री बना तो इस सेवा के अनुभव ने मेरी बहुत मदद की और लोक कल्याणकारी कार्यों को करने में काफी सहायता मिली।
ये भी पढ़ें : अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस पर इस बार दिखी देश की सामूहिक ताकत : मोदी
ये भी पढ़ें : कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से गुलाम नबी आजाद ने दिया इस्तीफा
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.