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इंडिया न्यूज, वाराणसी, (Hindu Side’s Own Claims) । ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में आज वाराणसी जिला कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया और मामले को सुनवाई के लायक बताया। ज्ञानवापी मस्जिद की वो 10 तस्वीर, जिसे लेकर हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हंै। गौरतलब है कि वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे और वीडियोग्राफी कराई गई थी। कोर्ट के सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग स्थित है।
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में आज वाराणसी जिला कोर्ट ने अपना बड़ा फैसला सुनाते हुए मामले को सुनवाई के लायक बताया। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने मामले की सुनवाई के बाद अपना यह फैसला सुनाया है। गौरतलब है कि पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के श्रृंगार गौरी मंदिर में हर रोज पूजा का अधिकार मांगा था। इसके बाद कोर्ट के निर्देश पर मस्जिद का सर्वे किया गया था।
इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। कोर्ट द्वारा सर्वे कराने के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बता रहा था। इस पूरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए और परिसर के आस-पास के क्षेत्रों में धारा 144 लागा दिया।
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की अपनी दलील है तो वहीं मुस्लिम पक्ष के अपने दावे हैं, लेकिन सर्वे टीम के कैमरे ने ज्ञानवापी के अंदर जो कुछ देखा उससे दलीलों और दावों के नए सवाल उठ खड़े हो गए हैं। सर्वे टीम की पहली तस्वीर वजूखाने की है। जिसमें एक काले पत्थर की एक आकृति आसानी से देखा जा सकता है। हिंदू पक्ष इस आकृति पर यह दावा कर रहा है कि यह शिवलिंग है। वहीं सर्वे टीम के सामने वजूखाने से जब पानी निकालकर रिकॉर्डिंग की गई तब इस गोलाकार आकृति का खुलासा हुआ। जबकि मुस्लिम पक्ष इस आकृति को फव्वारा बता रहा है। कोर्ट इस पूरे मामले को बारिकी से जांच करने में लगी हुई है।
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