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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Railway’s New Device For Passengers) : यात्रियों को रेलवे की नई डिवाइस तत्काल सीटें बुक कराने में काफी मदद कर रही हैं। इस नई डिवाइस का नाम हैंड हेल्ड टर्मिनल है।
इस डिवाइस की वजह से ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को वेटिंग टिकट को आरएसी या कन्फर्म कराने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत चार महीनों में रेलवे के इस डिवाइस ने हर रोज औसतन 7,000 वेटिंग टिकट धारक यात्रियों को कन्फर्म सीट हासिल करने में मदद की है।
रेलवे की नई डिवाइस हैंड हेल्ड टर्मिनल यात्रियों के लिए कारगर साबित हो रही है। आजकल रोजाना करीब सात हजार ऐसे यात्रियों को कंफर्म सीट उपलब्ध हो रही है जिनकी आरक्षण चार्ट बनने उपरांत तक सीट कंफर्म नहीं थी यानी वह प्रतीक्षा की ही सूची में थे। इस तकनीक से जहां रेल यात्रियों को काफी लाभ हो रहा है वहीं टीटीई की मनमर्जी से अनधिकृत सीट आवंटन पर भी अंकुश लगा है।
एक अधिकारी ने बताया कि आरएसी या प्रतीक्षा सूची टिकट वाले यात्री उस वक्त वास्तविक स्थिति के आधार पर खाली बर्थ की उपलब्धता के बारे में एचएचटी रखने वाले टीटीई से जांच करा सकते हैं। इससे ट्रेनों में बर्थ आवंटन में पारदर्शिता आई है। आंकड़ों के अनुसार चार महीने पहले शुरू की गई इस परियोजना के तहत अभी 1,390 ट्रेनों के टीटीई एचएचटी का प्रयोग कर रहे हैं।
चार महीनों में औसतन 5,448 आरएसी यात्रियों और 2,759 प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को एचएचटी के माध्यम से प्रतिदिन कंफर्म बर्थ आवंटित की गई हैं। आरएसी या प्रतीक्षा-सूची वाले यात्रियों को बर्थ आवंटन के अलावा लगभग 7,000 अप्रयुक्त खाली बर्थ भी एचएचटी के माध्यम से प्रतिदिन अलाट की जा रही हैं।
अगले तीन-चार महीनों में एचएचटी साप्ताहिक और पाक्षिक सहित लंबी दूरी के सभी ट्रेनों में उपलब्ध करा दिए जाएंगे। एचएचटी का उपयोग डिजिटल भुगतान विकल्पों के माध्यम से यात्रियों से अतिरिक्त किराया, जुमार्ना और अन्य शुल्क वसूलने के लिए भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इनका इस्तेमाल उन्हें रसीद जारी करने के लिए भी किया जाएगा।
एचएचटी आईपैड के आकार का एक साफ्टवेयर है। इसमें यात्रियों का रिजर्वेशन चार्ट रहता है। यह ट्रेनों में टीटीई को दिया जाता है। यह डिवाइस जीपीआरएस के जरिए यात्री आरक्षण प्रणाली के केंद्रीय सर्वर से जुड़ी रहती है। इसलिए जहां भी स्टेशन पर ट्रेन ठहरती है, वहां टिकटों की बुकिंग विवरण अपने आप अपडेट हो जाता है।
इससे डिवाइस से वेटिंग और आरएसी के यात्रियों को खासा लाभ मिल रहा है। यदि आरक्षित टिकट वाला कोई यात्री अंतिम समय पर अपनी यात्रा को रद कर देता है तो खाली बर्थ एचएचटी पर प्रदर्शित होती है। इसके बाद टीटीई आरएसी या प्रतीक्षा-सूची वाले यात्री को वह सीट आवंटित कर देता है। जिससे आम यात्रियों को काफी लाभ हो रहा है।
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