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इंडिया न्यूज (Benefits of Sago)
भारत में हर दिन कोई ना कोई व्रत यानी उपवास रहता है। जैसे अभी नवरात्र ही चल रहे हैं। इसमें ज्यादातर लोग 9 दिनों तक उपवास रखते हैं। अन्न ग्रहण नहीं करते एवं ज्यादातर साबूदाना से बने व्यंजन का सेवन करते हैं। साबूदाने को फलहारी माना जाता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या साबूदाना एक फल है। या फिर खेतों में उगने वाली कोई फसल या इन दोनों के अलावा साबूदाना एक दाल है। तो चलिए जानते हैं साबूदाना के बारे में।
साबूदाना को इंग्लिश में सागो कहते हैं। यह एक तरह का स्टार्च है। यह ट्रॉपिकल पाम सागो की स्टेम से निकलता है। पाम सागो के तने के बीच से टैपिओका रूट को निकाला जाता है। इसे कसावा भी कहते हैं। कसावा एक तरह का कंद है, जो शकरकंद की तरह दिखता है। इसे काटकर बड़े बर्तन में रखा जाता है। इसमें रोजाना पानी डालते हैं। इस प्रोसेस को कई दिनों तक दोहराया जाता है। फिर इसके गूदे को मशीनों में डालकर साबूदाना तैयार किया जाता है। बनने के बाद इसे सुखाया जाता है। फिर इसे ग्लूकोज और स्टार्च से बने पाउडर से पॉलिश कर चमकाया जाता है।
कसावा के पौधे अमेरिका में पाए जाते थे। वहां से यह अफ्रीका पहुंचा। 19वीं सदी के बाद यह भारत आया। केरल, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में इसकी खेती होने लगी।
स्टोर करने के लिए एयरटाइट डिब्बे का इस्तेमाल करें। ताकि हवा लगने की वजह से सीले नहीं। ऐसी जगह पर स्टोर करें। जहां नमी न हो। इसे गीले हाथ और चम्मच से न निकालें। महीनों तक साबूदाना रखना चाहते हैं। तो शीशे की जार या मर्तबान में भरकर ठंडी जगह पर रखें। साबूदाने में अगर कीड़े लगने का डर है, तो उसकी जार में नीम के पत्ते डालें। सूखा साबूदाना फ्रिज में स्टोर न करें। अगर इसकी खीर बनाई है, तो दो दिन के अंदर खा लें।
बहुत ज्यादा चमकता हुआ साबूदाना न खरीदें। इसे वाइट एजेंट्स डालकर सफेद बनाया जाता है। इसे खरीदते समय साइज पर भी ध्यान रखना चाहिए। बहुत छोटे साइज वाले साबूदाने नकली हो सकते हैं। बड़े और गोल-गोल साबूदाने ही खरीदें, टूटे हुए दाने आपके जायके को खराब करेंगे। साबूदाना खुले में खरीदते हैं और वो अगर थोड़ा गीला है, तो बिल्कुल न खरीदें।
इसे अगर ठीक से पकाया नहीं गया, तो पेटदर्द हो सकता है। इसमें फाइबर ज्यादा होता है। इसलिए ज्यादा खाने से गैस, पेट में सूजन की समस्या होगी। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत है। उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए। समस्या बढ़ जाएगी। साबूदाने में ग्लाइसिमिक इंडेक्स ज्यादा होता है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है। वहीं बता दें नकली साबूदाना बनाने में सोडियम हाइपोक्लोराइट, कैल्शियम हाइपोक्लोराइट, ब्लीचिंग एजेंट, फॉस्फोरिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे केमिकल्स यूज होते हैं।
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