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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, Died by indian company syrup in gambia): विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की मैडन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी द्वारा निर्मित चार खांसी की दवाओं के लिए चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी चार कफ़ और कोल्ड सिरफ को लेकर जारी की गई है। संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह चेतावनी गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद जारी की है.
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा की, ”डब्ल्यूएचओ ने आज गांबिया में पाई गईं चार दवाइयों को लेकर एक चिकित्सा उत्पाद चेतावनी जारी की है जिसके एक्यूट किडनी इंजरी और 66 बच्चों की मौत से जुड़े होने की संभावना है, ये मौतें अत्यंत दुखदायी हैं।”
संगठन ने आगे कहा कि ”ये चार दवाएं कफ़ और कोल्ड सिरप हैं जो भारत में मैडन फार्मास्यूटिक्लस लिमिटेड बनाती है। डब्ल्यूएचओ कंपनी और भारत में नियामक प्राधिकरणों के साथ आगे जांच कर रहा है। ये दूषित उत्पाद अभी तक गांबिया में ही पाए गए हैं लेकिन ये अन्य देशों में भी वितरित की गई होंगी। डब्ल्यूएचओ मरीजों को नुक़सान पहुंचने से रोकने के लिए सभी देशों को इन उत्पादों की जांच करने और उन्हें हटाने की सलाह देता है।”
"WHO has today issued a medical product alert for four contaminated medicines identified in #Gambia that have been potentially linked with acute kidney injuries and 66 deaths among children. The loss of these young lives is beyond heartbreaking for their families"-@DrTedros
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 5, 2022
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) को सूचित किया था डायथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल से दूषित दवाएं से बच्चों की मौत के बाद संगठन गांबिया को तकनीकी सहायता और सलाह दे रहा है.
सूत्रों के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन से जानकारी मिलने के बाद डीसीजीआई ने राज्य नियामक प्राधिकरणों के साथ इस ममले में जांच शुरू कर दी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार प्राथमिक जांच में ये पाया गया है कि हरियाणा के सोनीपत में स्थित मैडन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड को इन दवाओं के लिए राज्य दवा नियंत्रक से लाइसेंस प्राप्त है और वो इन दवाओं का निर्माण कर सकती है। फिलहाल कंपनी इन दवाओं को अभी तक सिर्फ़ गांबिया में निर्यात करती है.
वहीं, प्रक्रिया के मुताबिक दवाओं का आयात करने वाला देश इन उत्पादों की गुणवत्ता जांच करता है और संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें इस्तेमाल के लिए जारी किया जाता है.
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