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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : झारखण्ड की बंद खदानों से अवैध कोयला खनन का काला कारोबार अब भी जारी है। अवैध खनन में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार भी मानती है कि झारखंड में कोयले का अवैध कारोबार हो रहा है, लेकिन सरकार की नजर में इसकी मात्रा काफी कम है,ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि सरकारी आंकड़ों या रिपोर्ट में इसे दिखाया ही नहीं जाता है। ज्ञात हो, 2021-22 में कोल इंडिया की कंपनियों में अवैध खनन से संबंधित मात्र 11 मामले दर्ज हैं, जिसमें पांच मामले सीसीएल के, वहीं तीन मामले झारखंड में खनन करनेवाली कोयला कंपनियों से संबंधित हैं। अन्य तीन मामले झारखंड से बाहर की कंपनियों ने दर्ज कराये हैं। वहीं, झारखंड में अवैध खनन से संबंधित मात्र आठ मामले ही दर्ज हो पाए हैं। इससे पता चलता है खनन माफियाओं के हौसले यूँ बुलंद क्यों है।
ज्ञात हो, कोयला मंत्रालय का कहना है कि मात्र 12 लाख रुपये की कोयला चोरी हुई है, जिसमें बीसीसीएल का अवैध खनन का एक भी कोयला नहीं गया। सीसीएल में करीब 29 टन तथा करीब 123 टन कोयला झारखंडवाले हिस्से की खदानों से गया। जब सीसीएल के खननवाले इलाके में इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की गयी, तो स्थिति कुछ और ही निकली। जिसका नतीजा है आज भी बड़ी मात्रा में झारखंड में कोयले का अवैध खनन हो रहा है।
आपको बता दें, हजारीबाग में अवैध कोयले का गोरखधंधा पिछले तीन-चार दशक से होता आ रहा है। अवैध खनन के दौरान दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार के पास इसके नाम मात्र आंकड़े हैं। सीसीएल प्रबंधन व पुलिस प्रशासन अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए पिछले कुछ वर्षों से लगातार प्रयास कर रहा है। कई अवैध खनन के मुहानों को बंद किया गया है।आपको बता दें, सिरका, अरगड्डा, गिद्दी सी, ग्रामीण क्षेत्र के कुर्रा, होन्हेमोढ़ा सहित अन्य जगहों पर कोयले का अवैध खनन होता है। बरसात में इसका धंधा नहीं के बराबर होता है, लेकिन गरमी व ठंड के मौसम में यह धंधा चरम पर रहता है। ज्ञात हो,इस इलाके में लोगों के लिए कोयले की चोरी अब रोजगार का माध्यम बन गया है। साइकिल से अवैध कोयला क्षेत्र की कई फैक्टरी, भट्टा, रांची तथा वाहनों से बनारस की मंडी तक जाता है।
आपको बता दें, सीसीएल कुजू कोलियरी के पास बंद भूमिगत खदान में कोयला काटने गये 32 वर्षीय मजदूर की जहरीली गैस से दम घुटने की घटना के बाद भी कई जगह मजदूर अवैध कोयला निकालने का काम कर रहे हैं। मजदूर साइकिल से कोयला रामगढ़-रांची ले जाते हैं। कोयला ढोनेवाले मजदूरों का कहना है कि वह रोजगार का साधन नहीं रहने से जान पर खेल कर कोयला बेचते है। ज्ञात हो,सीसीएल कुजू क्षेत्र की कई बंद खदानों के इर्द-गिर्द भी बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता है। क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी सह खनन अभियंता संजय सिंह कहते हैं कि कई खदान लंबे समय से बंद हैं। इस कारण खदान में पर्याप्त मात्रा में गैस होने के कारण ऑक्सीजन की कमी हो गयी है। ऐसी खदानों में जो भी खनन करने के लिए घुसते हैं, उनकी दम घुटने से जान चली जाती है।
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