होम / दिल्ली दंगा: शरजील इमाम की याचिका छह सप्ताह के लिए स्थगित

दिल्ली दंगा: शरजील इमाम की याचिका छह सप्ताह के लिए स्थगित

Roshan Kumar • LAST UPDATED : October 28, 2022, 7:13 pm IST
ADVERTISEMENT
दिल्ली दंगा: शरजील इमाम की याचिका छह सप्ताह के लिए स्थगित

शरजील इमाम (फाइल फोटो).

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, HC adjourns hearing bail plea of Sharjeel Imam for 6 weeks): दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शरजील इमाम की जमानत याचिका, उसके वकील के अनुरोध पर सुनवाई छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। वह फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश का आरोपी है।

इस मामले में हाईकोर्ट ने निचली अदालत के एक आदेश के खिलाफ उमर खालिद की जमानत खारिज करने की अपील खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की विशेष पीठ ने अधिवक्ता अहमद इब्राहिम के अनुरोध पर शरजील इमाम की जमानत पर सुनवाई 16 दिसंबर 2022 के लिए स्थगित कर दी।

18 नवंबर को कई मामलों की सुनवाई

अहमद इब्राहिम ने मामले की तैयारी के लिए छह सप्ताह के लिए स्थगन की मांग की थी जिसे कोर्ट ने मान लिया। अन्य सभी आरोपियों की जमानत अर्जी से संबंधित अन्य सभी मामले पर 18 नवंबर 2022 को सुनवाई होगी। विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने मामले में इशरत जहां को दी गई जमानत के खिलाफ याचिका पर दलील दी।

अमित प्रसाद ने प्रस्तुत किया कि जमानत आदेश अवैध है। ट्रायल कोर्ट ने स्वीकार किया था कि यूएपीए और 437 सीआरपीसी की वैधता है लेकिन फिर भी जमानत दी गई क्योंकि आरोपी एक महिला है। पीठ ने कहा कि जमानत रद्द करने के लिए आपको दिखाना होगा कि जमानत की शर्तों का उल्लंघन हुआ है और यह अपील सुनवाई योग्य है या नहीं।

11 अप्रैल, 2022 को दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 की पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा से जुड़े एक बड़े षड्यंत्र के मामले में शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज कर दी। उस पर दंगा, देशद्रोह, भड़काऊ भाषण देने और अन्य अपराधों के साथ साजिश के लिए यूएपीए और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

28 जनवरी, 2020 को हुए थी गिरफ्तारी

ऐसा आरोप है कि शारजील इमाम ने 4 दिसंबर 2019 को संसद के दोनों सदनों में नागरिक संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश करने के लिए कैबिनेट समिति द्वारा प्रस्ताव पारित करने के बाद प्रदर्शन करने वाला व्यक्ति था और जेएनयू (एमएसजे) के मुस्लिम छात्रों का गठन किया गया था। आगे के दिनों में उसने पूर्वोत्तर को देश से काट देने के लिए चक्का जाम करने की बात कही थी। जेएनयू छात्र शरजील को 28 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।

कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने शरजील इमाम की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था, “चार्जशीट और साथ के दस्तावेजों के आधार पर, मेरी राय है कि आरोपी शरजील इमाम के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सच है।”

निजली अदालत से नही मिली थी जमानत

कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा था कि चूंकि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि अभियुक्तों के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं, इसलिए, यूएपीए की धारा 43 डी और सीआरपीसी की धारा 437 द्वारा बनाए गए प्रतिबंध को देखते हुए जमानत नही दी जा सकती।

एडवोकेट तनवीर अहमद मीर ने तर्क दिया था की अभियोजन पक्ष ने एक व्हाट्सएप ग्रुप MSJ और 8 दिसंबर 2019 को कई टुकड़ों में पेश किया है। उक्त बैठक यह नहीं दिखाती है कि कोई चर्चा या दंगा हुआ था। यहां तक ​​कि गवाह बॉन्ड के बयान में भी कहा गया है कि आरोपी ने उमर खालिद के साथ मिलकर छात्रों से चक्का जाम करने का आग्रह किया। उसका किसी भी सह-आरोपी से कोई संपर्क नहीं था।

‘सिर्फ चक्का जाम की थी बात’ 

आरोपी के वकील ने यह भी तर्क दिया कि आरोपी के भाषणों से पता चलता है कि उसने केवल शांतिपूर्ण विरोध या चक्का जाम का आह्वान किया था जो भारत में वर्षों से है। भाषणों को समग्रता में पढ़ा जाना चाहिए। आरोपी को गलत तरीके से धार्मिक चरमपंथी करार दिया गया है। अधिवक्ता  मीर ने आगे तर्क दिया कि प्राथमिकी में आरोपी का नाम नहीं है। न तो यूएपीए का मामला बनता है न ही धारा 124-ए (देशद्रोह) आईपीसी का।

मीर ने कहा “इमाम को 28 जनवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें दंगों तक ले जाने वाली किसी भी बैठक या कार्यक्रम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। किसी भी साजिश में घटनाओं की कोई श्रृंखला नहीं है और पूरे आरोप को यूएपीए के तहत आतंकवादी कृत्य नहीं माना जा सकता है।”

‘भड़काऊ भाषण दिए थे’

दूसरी ओर, जमानत याचिका का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद ने रोमियो (संरक्षित गवाह) के बयान का हवाला दिया कि 15 दिसंबर 2019 को शारजील इमाम, सरजील उस्मानी, अमानतुल्लाह व अन्य द्वारा शाहीन बाग में सीएए / एनआरसी के खिलाफ विरोध शुरू किया गया था।

उक्त विरोध अल-हबीबी मस्जिद से आयोजित किया गया था। जिसमे भड़काऊ भाषण दिए गए थे। उन्होंने लोगों को घरों से बाहर निकलने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए अलग-अलग जगहों पर चक्का जाम करने के लिए उकसाया। शरजील इमाम ने कहा कि देश में असंख्य शाहीन बाग बनाना है।

एसपीपी अमित प्रसाद ने प्रस्तुत किया था कि शारजील इमाम एमएसजे के व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य था। शारजील ने 7 दिसंबर को जंतर मंतर पर UAH द्वारा विरोध कॉल / आंदोलन में भाग लिया, जिसमें आरोपी उमर खालिद (MSJ, UAH और DPSG), योगेंद्र यादव, आरोपी खालिद सैफी (UAH और DPSG) शामिल हुए थे।

अमित प्रसाद ने तर्क दिया कि शारजील इमाम ने 15 जनवरी 2020 को खुरेजी विरोध स्थल पर और लामबंदी के लिए भाषण दिया था। आरोपी को 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि, साजिश के एक मामले में, यह आवश्यक नहीं है कि सभी आरोपी व्यक्ति पूरे अनुक्रम में सभी भूमिकाएं निभाएं और यह पर्याप्त है कि एक आरोपी साजिश में भाग लेता है और उसके अनुसार कार्य करता है। गवाहों बॉन्ड, रोमियो, जेम्स, ताहिरा दाऊद के बयान हैं, जो आरोपी शरजील इमाम की भूमिका के बारे में बात करते हैं।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा के दौरान 53 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए थे.

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

पेस बैटरी के डूबते करियर को बचा गई ये टीम, इन 2 दिग्गजों की डूबती नैया को भी दिया सहारा
पेस बैटरी के डूबते करियर को बचा गई ये टीम, इन 2 दिग्गजों की डूबती नैया को भी दिया सहारा
बढ़ते प्रदूषण की वजह से Delhi NCR के स्कूल चलेंगे हाइब्रिड मोड पर, SC ने नियमों में ढील देने से कर दिया इनकार
बढ़ते प्रदूषण की वजह से Delhi NCR के स्कूल चलेंगे हाइब्रिड मोड पर, SC ने नियमों में ढील देने से कर दिया इनकार
तीन मर्दों से भी नहीं भरा महिला का मन, चार बच्चों को छोड़ ‘नए प्यार’ के लिए उठाई ये कदम, अब पुलिस ने भी कर लिए हाथ खड़े
तीन मर्दों से भी नहीं भरा महिला का मन, चार बच्चों को छोड़ ‘नए प्यार’ के लिए उठाई ये कदम, अब पुलिस ने भी कर लिए हाथ खड़े
केंद्रीय मंत्रिमंडल के इन फैसलों से आपके जीवन में आने वाला है ये बड़ा बदलाव, जान लीजिए वरना कहीं पछताना न पड़ जाए
केंद्रीय मंत्रिमंडल के इन फैसलों से आपके जीवन में आने वाला है ये बड़ा बदलाव, जान लीजिए वरना कहीं पछताना न पड़ जाए
Sambhal Violence: ‘लोकतंत्र पर काला धब्बा…; संभल हिंसा को लेकर गिरिराज सिंह का बड़ा बयान ; उठाई ये बड़ी मांग
Sambhal Violence: ‘लोकतंत्र पर काला धब्बा…; संभल हिंसा को लेकर गिरिराज सिंह का बड़ा बयान ; उठाई ये बड़ी मांग
सऊदी अरब में साली के लिए किस शब्द का किया जाता है इस्तेमाल? सौ बार में भी नहीं बोल पाएंगे आप
सऊदी अरब में साली के लिए किस शब्द का किया जाता है इस्तेमाल? सौ बार में भी नहीं बोल पाएंगे आप
Bhopal: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की स्प्रिंग टूटी, यात्रियों ने किया जम कर हंगामा
Bhopal: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की स्प्रिंग टूटी, यात्रियों ने किया जम कर हंगामा
पुरुषों के स्पर्म काउंट से लेकर फर्टिलिटी तक, सभी परेशानी होंगी दूर, बस करना होगा इस हरे रंग की चीज का सेवन
पुरुषों के स्पर्म काउंट से लेकर फर्टिलिटी तक, सभी परेशानी होंगी दूर, बस करना होगा इस हरे रंग की चीज का सेवन
BJP से आए इस नेता ने महाराष्ट्र में कांग्रेस का किया ‘बेड़ा गर्क’, इनकी वजह से पार्टी छोड़ गए कई दिग्गज नेता, आखिर कैसे बन गए राहुल के खास?
BJP से आए इस नेता ने महाराष्ट्र में कांग्रेस का किया ‘बेड़ा गर्क’, इनकी वजह से पार्टी छोड़ गए कई दिग्गज नेता, आखिर कैसे बन गए राहुल के खास?
‘आईएसआईएस का लहराया …’, अरशद मदनी को लेकर BJP विधायक का बड़ा दावा ; उठाई ये बड़ी मांग
‘आईएसआईएस का लहराया …’, अरशद मदनी को लेकर BJP विधायक का बड़ा दावा ; उठाई ये बड़ी मांग
“पैसा देकर बचा लो वरना ये मार डालेंगे” बादमाशों ने10 वीं छात्रा का अपहरण कर करवाई ये फिल्मी अंदाज में मांग..
“पैसा देकर बचा लो वरना ये मार डालेंगे” बादमाशों ने10 वीं छात्रा का अपहरण कर करवाई ये फिल्मी अंदाज में मांग..
ADVERTISEMENT