कानपुर से सामने आया बेहद खौफनाक मामला, नौकरी की तलाश में भटर रहें एक युवक को काम दिलवाने के बहाने बुलाकर बंधक बनाया और बाद में पीट- पीटकर उसके हाथ पैर तोड़ दिए, यहां तक की उसकी आंखों में केमिकल डालकर उसे अंधा कर दिया।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में मानव तस्करी के मामले ने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए। जहां नौकरी की तलाश में भटक रहा 30-वर्षीय सुरेश मांझी, जिसे विजय नाम के शख्स ने नौकरी दिलाने के नाम पर पहले उसकी आंखों में केमिकल डाला और उसे अंधा कर बेरहमी से पीटा, बाद में उस शख्स को दिल्ली के उस गैंग को बेच दिया गया, जो जबरन लोगों को भिखारी बनाता है. सुरेश मांझी को अंधा करने वालों ने 70,000 रुपये में भिखारी बनाने वाले गैंग को बेचा है, उसे इतना टॉर्चर किया गया कि उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे कानपुर भेज दिया गया, जहां किसी तरह एक राहगीर की मदद से अंधा हो चुका पीड़ित अपने घर पहुंच पाया. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ नामज़द केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, नौकरी की तलाश में भटक रहे कानपुर के नौबस्ता रवींद्र नगर निवासी 30-वर्षीय सुरेश मांझी को विजय नामक शख्स ने काम दिलवाने के बहाने उसे बुलवाया था, और झकरकटी पुल के नीचे बंधक बना लिया था, फिर पीट-पीटकर उसके हाथ-पैर के पंजे तोड़ दिए. इसके बाद विजय ने उसकी आंखों में केमिकल डालकर उसे अंधा दिया। पुलिस की FIR के अनुसार, सुरेश मांझी को दिल्ली के एक भिखारी गैंग के लीडर राज को 70,000 रुपये में बेच दिया. वहां यातनाओं से सुरेश की तबीयत खराब हुई तो गैंग लीडर ने दो माह पहले उसे आरोपी विजय के साथ ही कानपुर भेज दिया. तभी से विजय उस शहर में भूखा-प्यासा रह कर भीख मंग रहा है।
बता दें कि रविवार को कानपुर में किदवई नगर चौराहे पर एक राहगीर की मदद से सुरेश नौबस्ता स्थित अपने घर पहुंच पाया. उसके बाद दोनों भाई रमेश और प्रवेश के साथ गुरुवार को ही क्षेत्रीय पार्षद प्रशांत शुक्ला के पास पहुंचा, और उन्होंने ही परिजनों से नौबस्ता थाने में तहरीर देने की बात की. जिसके बाद पूरी मामले पुलिस सामने आ सका. अब पुलिस जांच में जुटी हुई है.
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.