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18,000 करोड़ रुपए में डील हुई फाइनल
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली
Air India Privatisation And Air India Sale ये है कहानी एयर इंडिया की
Air India And Air India Express : एअर इंडिया की शुक्रवार को घर वापसी हो गई है। जी हां! उसे टाटा ग्रुप 18,000 करोड़ रुपए में खरीद रहा है, जिसकी घोषणा फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट आफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने की। टाटा के हाथ एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की कमान आएगी।
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दीपम के सेक्रेटरी ने कहा कि सरकार को इस डील में 2,700 करोड़ रुपए का कैश मिलेगा। कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी अकरअळर की आधी हिस्सेदारी भी मिलेगी। दीपम के सेक्रेटरी ने कहा कि दिसंबर 2021 तक डील क्लोज कर ली जाएगी, यानी लेन-देन पूरा हो जाएगा।
एयर इंडिया को पहले टाटा एयरलाइंस के नाम से जाना जाता था। इस कंपनी की स्थापना जेआरडी टाटा ने 1932 में की थी। 1946 में टाटा एयरलाइंस पब्लिक होल्डिंग में कूद पड़ी। कंपनी अच्छे मुनाफे में भी रही और फिर इसका नाम बदलकर एयर इंडिया रख दिया गया। 1947 में आजादी के बाद नेहरू सरकार में कई बैंक और अन्य कंपनियों का राष्ट्रीयकरण हुआ। राष्ट्रीयकरण की पॉलिसी में एयर इंडिया भी आई। 1948 में सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी शेयर खरीदे और फिर 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया, जिससे एयर इंडिया समेत 7और प्राइवेट एयरलाइंस सरकारी क्षेत्र की कंपनियां बन गईं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार द्वारा उड्डयन क्षेत्र की कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करने पर जेआरडी टाटा खासे नाराज थे। वे अपनी कंपनी सरकार के हाथ में नहीं सौंपना चाहते थे। यहां तक कि नेहरू के सामने ही कह दिया था कि उनकी सरकार नागरिक उड्डयन क्षेत्र में निजी कंपनियों को दबाना चाहती है। इसके बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने स्वयं जेआरडी टाटा को निजी चिट्ठी लिखकर उन्हें समझाने की भी कोशिश की।
लेकिन जेआरडी ने फिर से नाराजगी जताई और कहा कि बिना किसी विचार विमर्श के कंपनी का निजीकरण करने का फैसला गलत है। उन्होंने यह तर्क भी दिया था कि नई सरकार को एयरलाइंस कंपनी चलाने का कोई अनुभव नहीं था। सरकारी हाथों में जाने से उड़ान सेवाओं में सिर्फ नौकरशाही और सुस्ती दिखाई देगी।
लेकिन सरकार ने उनके विरोध को अनदेखा किया और अपनी पॉलिसी की ओर ही ध्यान दिया। हालांकि नेहरू ने जेआरडी टाटा को एयर इंडिया का चेयरमैन बना दिया था। एयर इंडिया के सरकारी हाथों में जाने के बावजूद जेआरडी टाटा लंबे समय तक इस एयरलाइंस के प्रबंधन का काम देखते रहे।
एयर एंडिया के संस्थापक जेआरडी टाटा 1932 में खुद टाटा एयरलाइंस के पहले सिंगल इंजन विमान हैविललैंड पुस मॉथ को कराची से उड़ाकर मुम्बई के जुहू एयरोड्रोम लाए थे। इसके ठीक 50 साल बाद 1982 में भी जेआरडी टाटा फिर से पुस मॉथ को कराची से उड़ाकर बॉम्बे लाए थे।
एअर इंडिया 2007 में इंडियन एयरलाइंस में विलय के बाद से नुक्सान में रही है। एअर इंडिया पर 31 मार्च 2019 तक कुल 60,074 करोड़ रुपए का कर्ज है। जो भी एअर इंडिया को खरीदेगा, उसे इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपए का कर्ज का बोझ उठाना होगा। बाकी का कर्ज एअर इंडिया असेट होल्डिंग को स्पेशल परपज व्हीकल के जरिए ट्रांसफर किया जाएगा।
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