Oximeter को बनाएं घर का डॉक्टर, जरूरत पड़ने पर ही अस्पताल जाएं - India News
होम / Oximeter को बनाएं घर का डॉक्टर, जरूरत पड़ने पर ही अस्पताल जाएं

Oximeter को बनाएं घर का डॉक्टर, जरूरत पड़ने पर ही अस्पताल जाएं

India News Editor • LAST UPDATED : October 10, 2021, 1:24 pm IST
ADVERTISEMENT
Oximeter को बनाएं घर का डॉक्टर, जरूरत पड़ने पर ही अस्पताल जाएं

Oximeter

Oximeter, blood oxygen level, oxygen circulating, red blood cells, normal blood oxygen level, pulse oximeter, shortness of breath
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

बेशक कोरोना ग्राफ अब नीेचे जाने लगा है, महामारी के समय में पल्स आक्सीमीटर ने न सिर्फ आपकी सेहत का ख्याल रखा है बल्कि अस्पतालों पर अकारण पड़ने वाले बोझ को भी काफी हद तक सीमित कर दिया था। ऐसे हालातों में अब जब संक्रमितों की संख्या कम ही आने लगे है। ऐसे में शरीर के बारे में सही जानकारी देने वाला यह उपकरण घर के किसी कौन में धूल फांक रहा है। कोरोना काल की बात करें तो अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमारों की संख्या बढ़ गई थी। जिसके चलते विशेषज्ञ भी सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को आक्सीमीटर से जांच करने की सलाह दे रहे थे।

डॉक्टर मरीजों को कह रहे थे कि घर पर एहतियात बरतते हुए आक्सीमीटर से आक्सीजन का लेवल चेक करें, अगर प्राण वायु का स्तर 90 से नीचे आता है तो बिना देरी के नजदीकी अस्पताल में भर्ती हो जाएं। इस उपकरण के जरिए मरीज की स्थिति का पता लगा कर जल्द से जल्द जरूरी उपचार मुहैया करवाई जाती रही है। वहीं इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे मरीजों में से बहुत ही कम लोग काल का ग्रास बने हैं। क्योंकि समय रहते उन्हें उचित इलाज मिलने लगा था।

दक्षिण अफ्रीका में की गई एक शोध में सामने आया है कि कोरोना ग्रसित होने के बाद जांच के लिए लोगों को रूटीन जांच के लिए पल्स आक्सीमीटर दिए गए थे। जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। इसमें व्यक्ति समय अनुसार खुद की जांच कर, जरूरत आने पर उसे प्रयाप्त उपचार मुहैया करवा कर उसकी जान बचाई जा सकती है। इस अध्ययन में हाईरिस्क वाले मरीजों जैसे बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग शामिल थे। कोविड का पता लगाने के बाद इन्हें पल्स आक्सीमीटर दिया गया। इसके बाद फोन कर यह सुनिश्चित किया गया कि वह लोग इसका सही से इस्तेमाल कर भी रहे हैं या नहीं।

आक्सीमीटर को बनाएं घर का डॉक्टर

आक्सीमीटर का काम केवल कोरोना के समय तक ही सीमित नहीं है, यह आज भी उतना ही कारगर है जितना कि पहले था, दरअसल लोगों में धारणा बन गई है कि सैचुरेशन केवल कोरोना होने पर ही कम आती है। लेकिन कई अन्य कारणों से भी यह कम हो सकती है। यह उपकरण उन लोगों के लिए काम की चीज है जिनमें आक्सीजन सैचुरेशन को प्रभावित करने वाली बीमारियां से जूझ रहे हैं। जैसे कि रात को खरार्टे आते हैं, इसे स्लीप एपनिया कहा जाता है। ऐसे लोगों के लिए यह बड़े काम की चीज है।

कई कारणों से रिजल्ट नहीं आते स्टीक

पल्स आक्सीमीटर से जांच करना बेहद आसान है। फिर भी कुछ नियमों का पालन करना भी करना अनिवार्य होता है। जैसे कि अगर आपने नेलपॉलिश लगी रही है तो रीडिंग गलत होने की संभावना बढ़ जाती है। अमेरिका के एक संस्थान ने रोग निवारक, नियंत्रक प्रयोग में पाया कि हमने 10 अश्वेत रोगियों पर रिसर्च की और केवर एक प्रतिशत ही नतीजे सही आए। वहीं जिन लोगों की चमड़ी मोटी होती है, तंबाकू और नेलपॉलिश लगे हाथों व ज्यादा ठंडे हाथों की रीडिंग स्टीक नहीं पाई गई।

कैसे बना जीवनदायक पल्स आक्सीमीटर

बड़ा सवाल यह उठता है कि रक्त में आक्सीजन का लेवल कितना होना चाहिए। और कब हमें डॉक्टर के पास जाना चाहिए। बता दें कि एक स्वस्थ व्यक्ति का सैचुरेशन स्तर 95 से 100 प्रतिशत के बीच में होता है। आक्सीजन का स्तर 95 से कम आना मतलब फेफड़ों में में कोई परेशानी हो गई है।लेकिन अग यही स्तर 94 से कम आ जाए तो संभल जाना चाहिए। 93 से कम आक्सीजन आने पर बिना किसी देरी के अस्पताल मेंं भर्ती हो जाना चाहिए क्योंकि शरीर की 8 प्रतिशत कोशिकाओं ने आक्सीजन का प्रवाह करना बंद कर दिया है।

Also Read : Health Tips आंख से दिल की बीमारी का पता लगाना हुआ आसान, रेटिना की स्कैनिंग बताएगी स्ट्रोक का जोखिम

Connect With Us : Twitter Facebook

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

कार में छुपा रखा था 40 किलो गांजा, पुलिस ने 6 को किया गिरफ्तार
कार में छुपा रखा था 40 किलो गांजा, पुलिस ने 6 को किया गिरफ्तार
भारत ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका, शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए युनूस सरकार के उम्मीदों पर फिर पानी, अब क्या करेगा इस्लामिक देश?
भारत ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका, शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए युनूस सरकार के उम्मीदों पर फिर पानी, अब क्या करेगा इस्लामिक देश?
दुनिया के सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज भारत में, इस सूची में क्या है पाकिस्तान का स्थान?
दुनिया के सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज भारत में, इस सूची में क्या है पाकिस्तान का स्थान?
जब Ranveer Singh काम पर चले जाते हैं तो क्या करती हैं Deepika Padukone? एक्ट्रेस ने खोला बेडरूम सीक्रेट, फैंस भी हो गए शॉक
जब Ranveer Singh काम पर चले जाते हैं तो क्या करती हैं Deepika Padukone? एक्ट्रेस ने खोला बेडरूम सीक्रेट, फैंस भी हो गए शॉक
GRAP-3 लागू होने के बाद बीजेपी ने AAP पर साधा निशाना, कह दी ये बड़ी बात
GRAP-3 लागू होने के बाद बीजेपी ने AAP पर साधा निशाना, कह दी ये बड़ी बात
दांत से काटा और फिर फाड़े कपड़े…, बिहार में महिला कांस्टेबल का हुआ ऐसा हाल, सोचने पर मजबूर हुए लोग?
दांत से काटा और फिर फाड़े कपड़े…, बिहार में महिला कांस्टेबल का हुआ ऐसा हाल, सोचने पर मजबूर हुए लोग?
नाबालिग छात्रा को छेड़ना पड़ा भारी, आरोपी को 3 साल की जेल
नाबालिग छात्रा को छेड़ना पड़ा भारी, आरोपी को 3 साल की जेल
यूट्यूब पर वीडियो देखकर पटाखा बंदूक बना रहा था किशोर, गले में फंस गया 10 का सिक्का, फिर बहने लगा खून…
यूट्यूब पर वीडियो देखकर पटाखा बंदूक बना रहा था किशोर, गले में फंस गया 10 का सिक्का, फिर बहने लगा खून…
नर्मदा नदी में क्रूज चलने से पहले बनेंगे 2  रिसाॅर्ट, स्टैच्यू आफ यूनिटी का पर्यटन भी बढ़ेगा
नर्मदा नदी में क्रूज चलने से पहले बनेंगे 2 रिसाॅर्ट, स्टैच्यू आफ यूनिटी का पर्यटन भी बढ़ेगा
मणिपुर में बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पूर्वोत्तर राज्य के इन इलाकों में फिर लगा AFSPA
मणिपुर में बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पूर्वोत्तर राज्य के इन इलाकों में फिर लगा AFSPA
Ujjain News: उज्जैन के अस्पताल में हुआ ब्लास्ट, 2 कर्मचारी हुए घायल
Ujjain News: उज्जैन के अस्पताल में हुआ ब्लास्ट, 2 कर्मचारी हुए घायल
ADVERTISEMENT