इंडिया न्यूज़ (Global South Summit): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के समापन सत्र के दौरान शुक्रवार को कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के जरिए भारत ग्लोबल साउथ को आवाज देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि दुनिया वैश्वीकरण के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाए। उन्होंने आगे कहा कि हम वैश्वीकरण के सिद्धांत की सराहना करते हैं। भारत के दर्शन ने हमेशा दुनिया को एक परिवार के रूप में देखा है। नए साल की शुरुआत एक नई आशा का समय है। हम सभी ग्लोबालाइजेशन का समर्थन करते हैं।
पिछले दो दिनों में ग्लोबल साउथ की सबसे बड़ी वर्चुअल समिट में 120 से ज्यादा विकालशील देशों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकासशील देश वैश्वीकरण चाहते हैं। हम चाहते हैं कि जलवायु संकट से निपटारा तभी संभव है जब हम सभी एक साथ इसके खिलाफ लड़ेंगे। हम वैश्वीकरण चाहते हैं जो समग्र रूप से मानवता के लिए समृद्धि और कल्याण लाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 3 साल विकासशील देशों के लिए काफी कठिन रहे हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोग्य मैत्री परियोजना के निर्माण की भी घोषणा की। इस परियोजना के तहत भारत प्राकृतिक आपदाओं या मानवीय संकट से प्रभावित किसी भी विकासशील देश को आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करेगा।
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