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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। मालूम हो, ये बजट नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा। साल 2024 में आगामी लोकसभा चुनाव होंगे।अगले साल चुनाव के बाद ही नई सरकार का पूर्ण बजट पेश करेगी। लिहाजा मोदी सरकार की इस बजट पर आम आदमी को काफी उम्मीदें टिकी हैं। आपने गौर किया होगा, जब भी वित्त मंत्री बजट पेश करते हैं तो इस बीच कई तरह के शब्द बार-बार दुहराएँ जाते हैं, जिनका मतलब ठीक से मालूम न होने के कारण अधिकतर लोग बजट भी ठीक से नहीं समझ पाते हैं। तो हम उन तमाम चुनिंदा शब्दों के बारे में बताएँगे जिन्हें जानना बेहद जरुरी है।
आपको बता दें, जब किसी देश द्वारा विदेशों से आयात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य, उसकी तरफ से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के कूल मूल्य से अधिक हो जाते हैं, तो इसे चालू खाता घाटा कहा जाता है। बजट भाषण पढ़ते समय जब वित्त मंत्री देश के आयात-निर्यात की जानकारी देते हैं, तो इन दोनों के बीच के अंतर के बारे में भी बताते हैं। ऐसे में जब देश का इम्पोर्ट बिल एक्सपोर्ट की तुलना में ज्यादा होता है तो वित्त मंत्री देश को Current Account Deficit की जानकारी जरूर देते हैं।
ज्ञात हो, पिछले कुछ समय से बजट के दौरान ये शब्द काफी प्रचलन में है। सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया विनिवेश या डिसइन्वेस्टमेंट (DisInvestment) कहलाती है। जिसे हर साल सरकार अपनी इनकम के एक बड़े सोर्स के रूप में विनिवेश का लक्ष्य तय करती है।
जानकारी दें, ये एक फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट होता है जिसमें पिछले एक वित्त वर्ष के दौरान भारत के आर्थिक विकास की समीक्षा की जाती है। मालूम हो, बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले सदन में Economic Survey पेश किया जाता है।
मालूम हो, देश में आर्थिक विकास कितनी तेजी से बढ़ रहा है, इसका लेखा-जोखा GDP कहलाता है। GDP देश की आर्थिक वृद्धि को मापने का पैमाना भी है। जीडीपी यानी ग्रोस डोमेस्टिक प्रोडेक्ट, इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि पूरे साल देश में कितने सामानों का उत्पादन हुआ और कितनी सेवाएं दीं। अंत में कुल उत्पादन और कुल सर्विस को जोड़ देते हैं।
आपको बता दें, वित्त की भाषा में HNI का मतलब है High Income Indivisuals । बड़े कॉरपोरेट या बहुत पैसा कमाने वाले क्रिकेटर या फिल्म स्टार्स को फाइनेंस की भाषा में HNI कहा जाता है। HNI से सरकार थोड़ा ज्यादा इनकम टैक्स लेती है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के ऊपर से टैक्स के बोझ को हल्का किया जा सके।
ज्ञात हो, Outcome Budget एक तरह से मंत्रालयों और विभागों का प्रोग्रेस कार्ड होता है। बजट से पहले सरकार अपने हर मंत्रालय से इस संदर्भ में रिपोर्ट मांगती है कि उन्होंने पिछले बजट की घोषणाओं पर कितना काम किया है।
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