दिल्ली (Delhi govt says DU to lower cut-off for SC/ST students): दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह को पत्र लिखकर प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के छात्रों के लिए कट-ऑफ को कम मार्क्स को करने का आग्रह किया हैं ।
डीयू में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया पहली बार केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के माध्यम से की गई है, जो पिछले साल दिसंबर में संपन्न हुई। हालांकि, इस दौरान विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों के तहत उपलब्ध कुल 70,000 सीटों में से हजारों सीटें नहीं भरी जा सकीं।
दिल्ली के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने शुक्रवार को सिंह को पत्र लिखकर डीयू से संबद्ध कॉलेजों में एससी-एसटी छात्रों के लिए कट-ऑफ अंक घटाकर रिक्त सीटों को भरने का अनुरोध किया था। आनंद ने कहा, “मौजूदा साल में डीयू में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आरक्षित सीटों में से हजारों सीटें खाली पड़ी हैं, क्योंकि इस वर्ष इन छात्रों के दाखिले के लिए पुरानी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा हैं और प्रवेश सीयूईटी में प्राप्त अंकों या रैंक के आधार पर मिल रहा है।” उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति की सीटें खाली रहने पर कट-ऑफ अंक कम कर देता था।
आनंद ने दावा किया, “मौजूदा वर्ष में पुरानी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। चूंकि, अनुसूचित जाति के छात्रों का प्रवेश सीयूईटी में प्राप्त अंकों/रैंक के आधार पर हो रहा है, इसलिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को परेशानी हो रही हैं।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने डीयू के कुलपति से इस मुद्दे पर फिर से गौर करने और अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए कट-ऑफ अंक कम करके रिक्त सीटों को भरने के लिए प्रवेश मानदंड में ढील देने का अनुरोध किया है। हम सबसे गरीब बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
डीयू में इस शैक्षणिक सत्र में स्नातक पाठ्यक्रमों की 65,000 से अधिक सीटें भरी जा चुकी हैं। जबकि, विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में लगभग 5,000 स्नातक सीटें खाली रह गई हैं। इस बीच, डीयू के कुलपति ने दाखिले को फिर से खोलने की किसी भी योजना से इनकार करते हुए कहा है कि पहले सेमेस्टर की पढ़ाई खत्म होने की कगार पर है, ऐसे में नए छात्रों को लेना संभव नहीं हैं। योगेश सिंह ने कहा कि केवल उन पाठ्यक्रमों में सीटें खाली हैं, जिनकी मांग नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि सीटें खाली हैं, लेकिन संबंधित पाठ्यक्रमों की मांग नहीं हैं।”
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