(दिल्ली) : असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ बड़े स्तर पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार बाल विवाह की विरोधी है। बता दें, असम की भाजपा सरकार ने 14 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। सरकार के इस नियम के बाद अगर कोई शख्स असम में 14 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों से शादी करता है तो उसे पॉक्सो एक्ट के तहत जेल में सजा कटनी पड़ेगी।
हिमंता बिस्वा शर्मा ने आगे कहा, ‘हजारों पति अगले पांच से छह महीने में गिरफ्तार होंगे क्योंकि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध होगा, भले वे वैध तरीके से उसके पति हैं। बता दें, भारत में लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 साल है। सीएम हिमंता के अनुसार जो शख्स कम उम्र की लड़की से शादी करेंगे उसके खिलाफ असम सरकार कारवाई करेगी।’
बता दें, असम सरकार के इस फैसले का असर बंगाली मूल के मुस्लिमों पर सबसे ज्यादा पड़ सकता है। क्योंकि इस समुदाय में सबसे ज्यादा बाल विवाह होता है। सामान्य लड़कियों की तुलना में मुस्लिम लड़कियों के लिए विवाह की उम्र भी कम मानी जाती है। मुस्लिम लॉ के अनुसार मुस्लिम लड़की 15 साल की उम्र में शादी कर सकती है। मालूम हो, असम की चाय जनजाति और कुछ दूसरी जनजातियों में भी बाल विवाह सबसे ज्यादा होता है। एक तरफ बाल विवाह को लेकर असम सरकार सख्त होती नजर आ रही है तो दूसरी तरफ सरकार पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप भी लग रहा है।
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