Lithium reserves found in India: गुरुवार को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जम्मू-कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) के रियासी जिले के सलाल-हैमाना में लिथियम के 5.9 मिलियन टन अनुमानित संसाधनों (जी3) की खोज की है। इसकी पुष्टि खानन मंत्रालय ने गुरुवार को ट्विटर के जिरिए दी। बता दें कि इसका मिलना हमारे देश के लिए एक अच्छी बात है, क्योंकि ये बहुत कम हिस्सों में पाया जाता है। इसका इस्तेमाल बैटरी बनाने में किया जाता है। जम्मू-कश्मीर के रियासी की DM बीला रकवाल ने बताया कि चुब्बी इलाके में एक बहुत बड़ा लिथियम का ब्लॉक है।
लिथियम धातु को जो सबसे विशेष बनाता है वो है इसके गुण के साथ इसका वजन। लिथियम सबसे हल्की धातु है। यह पानी के साथ एक ज्वलनशील प्रतिक्रिया पैदा करता है। मुख्य रूप से सिरेमिक और ग्लास, ग्रीस, फार्मास्युटिकल कंपाउंड, एयर कंडीशनर और एल्यूमीनियम उत्पादन में उपयोग किया जाता है, यह सबसे कम घनत्व वाली धातु होने के कारण प्रति किलोग्राम उच्चतम ऊर्जा भंडारण क्षमता के लिए बैटरी सामग्री बाजार में प्रमुख है। यह उन मामलों में बेहद उपयोगी है जहां वजन एक कारक है। उदाहरण के लिए, एक टेस्ला कार 600 किलो लिथियम-आयन बैटरी पर काम कर सकती है। वही, अगर लेड-एसिड बैटरी पर निर्भर है, तो 4000 किलोग्राम की आवश्यकता होगी।
1. बोलीविया – 21 मिलियन टन
2. अर्जेंटीना – 17 मिलियन टन
3. चिली – 9 मिलियन टन
4. यूएस – 6.8 मिलियन टन
5. ऑस्ट्रेलिया – 6.3 मिलियन टन
6. भारत -5.9 मिलियन टन
7.चीन – 4.5 मिलियन टन
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