इंडिया न्यूज़, दिल्ली : जब सरकार ने बजट सत्र से पहले संसद में इकनोमिक सर्वे पेश किया था। तब ही सरकार ने अनुमान लगाया था कि महंगाई इस बार डार्लिंग नहीं डायन बन सताएगी। बजट सत्र में सरकार ने महंगाई के प्रकोप का अंदेशा जताया आउट ठीक हुआ ऐसा ही। बता दें, खुदरा महंगाई दर जनवरी में बढ़कर पिछले तीन महीने के उच्चतम स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई है। मालूम हो, इससे पहले जनवरी महीने में सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बीते साल दिसंबर में खुदरा महंगाई दर पिछले एक साल के सबसे निचले स्तर 5.72 फीसदी पर आ गई थी।
जनवरी में खुदरा महंगाई दर टॉलरेंस बैंड के बाहर
बता दें, बीते साल दिसंबर का महीना लगातार दूसरा ऐसा महीना था जिसमें जिसमें खुदरा महंगाई दर आरबीआई के 4 (+/- 2) फीसदी के टॉलरेंस बैंड के अंदर आ गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, दो महीने के अंदर भारी गिरावट के बाद यह जनवरी महीने में फिर से 4 (+/- 2) टॉलरेंस बैंड के बाहर पहुंच गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) यानि आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2022 में 6.77 प्रतिशत और नवंबर में 5.88 प्रतिशत थी।
बीते दिसम्बर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई दर
वहीं, बीते दिसंबर में ग्रामीण क्षेत्रों में सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई दर नवंबर के 6.09% से घटकर दिसंबर में 6.05% पर पहुंच गई थी। दूसरी तरफ, शहरी क्षेत्रों में यह 5.39% थी। रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा महंगाई दर यानि मुद्रास्फीति लगातार पिछले 40 महीनों से मध्यम अवधि के लक्ष्य चार प्रतिशत से ऊपर ही रही है।