संबंधित खबरें
Jaipur News: PM मोदी की योजना से महिलाएं लिख रही सफलता की कहानी, इस मेले में दिखी इसकी झलक
Jaipur News: राजस्थान के कोटपुतली में बड़ा हादसा, 3 साल की बच्ची बोरवेल गिरी, मौके पर पहुंचा प्रशासन
Sawai Madhopur News: रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से आई बुरी खबर, इन हालातों में मिला युवा बाघ टी 2309 का शव
Sadhvi Prachi Statement: इस साध्वी ने सलमान पर लगाया बड़ा आरोप, लॉरेंस के समर्थन में बोलीं- मासूम बच्चा है
Sushila Meena Viral Cricketer: आखिर कौन है सुशीला, जिसकी बॉलिंग के दिवाने हुए सचिन तेंदुलकर, जहीर खान से की तुलना
Kota Mahotsav 2024: पर्यटन को लगेंगे पंख, कोटा की धरती पर होगा रंगों का संगम, 25 दिसंबर तक चलेगा कोटा महोत्सव
इंडिया न्यूज़: (Meteorite Smashing into the Moon Video) क्या आपने कभी उल्कापिंड की टक्कर देखी है? एक जापानी खगोलशास्त्री ने चंद्रमा की सतह से एक उल्कापिंड के टकराने की घटना को कैमरे में कैद किया है। बता दें कि ये टक्कर चंद्रमा के अंधेरे इलाके में हुई। इसके बावजूद टक्कर के बाद सतह से उठा धूल का गुब्बार साफ नज़र आ रहा है। ऐसी घटना का वीडियो काफी दुर्लभ माना जाता है। चंद्रमा से उल्कापिंड की टक्कर 23 फरवरी को जापानी समय के अनुसार, 20:14:30 बजे हुई थी।
जानकारी के अनुसार, इस घटना को हिरात्सुका सिटी म्यूजियम के क्यूरेटर दाइची फुजी ने चंद्रमा की निगरानी के लिए सेट किए गए कैमरों से रिकॉर्ड किया था। फूजी ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये उल्कापिंड चंद्रमा के पिटिस्कस क्रेटर के थोड़ा उत्तर-पश्चिम में इदेलर एल क्रेटर के पास सतह से टकराया था। टक्कर के समय उल्कापिंड की औसत रफ्तार 30,000 मील प्रति घंटे (48,280 किलोमीटर प्रति घंटे) या 8.3 मील प्रति सेकंड (13.4 किमी/सेकंड) थी।
फूजी ने बताया कि चंद्रमा की सतह से टकराने वाले उल्कापिंड इतनी तेज गति से चंद्रमा की तरफ बढ़ते हैं कि उनसे पैदा हुई गर्मी और रफ्तार से सतह पर एक नया क्रेटर बन जाता है। इसके साथ ही टक्कर से पैदा हुई गर्मी से एक शानदार चमक भी दिखाई देती है।
आपको बता दें कि बड़े उल्कापिंडों के चंद्रमा की सतह से टक्कर को पृथ्वी से भी देखा जा सकता है। कृष्ण पक्ष के दौरान ऐसे उल्कापिंडों की टक्कर से पैदा हुई रोशनी दूर से नज़र आ जाती है। इस घटना के बारे में फ़ूजी ने बताया कि नया बनाया गया गड्ढा लगभग 39 फीट व्यास का हो सकता है। इस गड्डे की फोटोज़ को नासा के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर या भारत के चंद्रयान-2 लूनर प्रोब के जरिए ली जा सकती हैं।
私の観測史上最大の月面衝突閃光を捉えることができました!2023年2月23日20時14分30.8秒に出現した月面衝突閃光を、平塚の自宅から撮影した様子です(実際の速度で再生)。なんと1秒以上も光り続ける巨大閃光でした。月は大気がないため流星や火球は見られず、クレーターができる瞬間に光ります。 pic.twitter.com/Bi2JhQa9Q0
— 藤井大地 (@dfuji1) February 24, 2023
बताया जाता है कि पृथ्वी से भी आए दिन उल्कापिंडों की टक्कर होती रहती है। इनमें से ज्यादातर वायुमंडल के संपर्क में आने पर पूरी तरह से जल जाते हैं। इसका मतलब ये है कि जो उल्कापिंड पृथ्वी की सतह तक पहुंचने से पहले ही वायुमंडल में जलकर खत्म हो जाते हैं, वो चंद्रमा की सतह तक आसानी से पहुंच जाते हैं। इनकी संख्या इतनी ज्यादा होती है कि चंद्रमा की सतह पर बने पुराने क्रेटर खत्म हो जाते हैं और उनकी जगह नए का निर्माण हो जाता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.