संबंधित खबरें
उत्पन्ना एकादशी के दिन जरूर घर पर लाएं ये 4 शुभ चीजें, कभी नहीं होगी पैसों की कमी, भगवान विष्णु करेंगे हर मनोकामना पूरी
साल 2025 में इन दो राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती, ये 3 चीजों से रहें सावधान वरना झेल नहीं पाएंगे प्रकोप!
महाभारत के इस योद्धा के प्यार में पड़ राक्षसी ने किया था अपने भाई से बगावत, ऐसा क्या हुआ जो रूप बदल बन गई थी 'देवी'!
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो कर लिया इन 3 शक्तिशाली मंत्रो का जाप, 3 महीनों में बेकाबू हो उठेगा कुबेर खजाना!
महाभारत में जब श्री कृष्ण के शंख से हील गया था पूरा ब्रम्हांड! वो राक्ष्स जिसके वजह से यमलोक में मच गया था हड़कंप, जानें क्या है उस शंख का नाम?
इन 3 राशि के जातकों को आज मिलने जा रहा है बुधादित्य योग का बड़ा मुनाफा, होगा इतना लाभ जिससे आप भी होंगे अंजान!
इंडिया न्यूज़: (Chaitra Navratri 2023 Day 7, Mata Kalratri Puja) चैत्र नवरात्रि में मां भगवती के नौ दिव्य स्वरूपों की उपासना की जाती है। इन सबमें चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की उपासना विधि-विधान से की जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 28 मार्च 2023, मंगलवार के दिन है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सप्तमी तिथि के दिन देवी कालरात्रि की उपासना करने से भय, रोग एवं दोष दूर हो जाते हैं। साथ ही साधक के जीवन पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है। तो यहां जानिए चैत्र शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन माता कालरात्रि का स्वरूप, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और इसका महत्व।
माता कालरात्रि की चार भुजाएं हैं और इनकी सवारी गर्दभ यानि गधा है। माता कालरात्रि के दाएं भुजा में अभय और वरद मुद्रा है। वहीं, बाएं भुजा में खड्ग और वज्र नामक अस्त्र विद्यमान हैं। मां कालरात्रि के उग्र रूप में शुभ शक्तियां आसीन हैं, इसलिए इन्हें शुभांकरी नाम से भी जाना जाता है।
माता कालरात्रि की पूजा मध्यरात्रि यानी निशिता काल में करने से साधक को विशेष फल प्राप्त होता है। साथ ही सभी संकटों का नाश हो जाता है। ऐसा यदि संभव नहीं है तो सुबह जल्दी उठें और स्नान-ध्यान क व्रत का संकल्प लें। फिर माता कालरात्रि की प्रतिमा पर गंगाजल अर्पित करें। इसके बाद रोली, अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, दीप, मिष्ठान, सिंदूर इत्यादि से मां कालरात्रि की विधवत पूजा करें। देवी कालरात्रि को लाल रंग बहुत प्रिय है। इसलिए हो सके तो माता कालरात्रि की पूजा के समय साधक लाल रंग का वस्त्र पहनें और उन्हें लाल पुष्प जैसे- लाल गुलाब या लाल गुड़हल का फूल अर्पित करें। पूजा के पश्चात मां कालरात्रि को पान सुपारी, गुड़ और हलवे का भोग अर्पित करें।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता ।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी ।।
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा ।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
करालवन्दना घोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम् ।
कालरात्रिम् करालिंका दिव्याम् विद्युतमाला विभूषिताम् ।।
दिव्यम् लौहवज्र खड्ग वामोघोर्ध्व कराम्बुजाम् ।
अभयम् वरदाम् चैव दक्षिणोध्वाघः पार्णिकाम् मम् ।।
महामेघ प्रभाम् श्यामाम् तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा ।
घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम् ।।
सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम् ।
एवम् सचियन्तयेत् कालरात्रिम् सर्वकाम् समृध्दिदाम् ।।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.