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NCF DRAFT ABOUT MATHS 2023: अपने ज्यादातर गणित या मैथ्स में स्टूडेंट्स को कमजोर देखा होगा। अधिकतर स्टूडेंट्स को मैथ्स से डर लगता है,कुछ को तो मैथ्स फोबिआ भी होता है.लेकिन कुछ स्टूडेंट्स का मैथ्स पसंदीदा सब्जेक्ट होता है। अपने सुना होगा कि ये तो मैथ्स का कीड़ा है। लेकिन जिन स्टूडेंट्स को मैथ्स से डर लगता है इसकी एक वजह टीचर भी है। अगर टीचर ने शुरुवात से ही गणिक के बेसिक कॉन्सेप्ट्स क्लियर कर दिएं तो गणित आसान हो जाता है। अगर टीचर के खुद के कॉन्सेप्ट्स क्लियर नहीं होंगे तो तो गणित हौव्वा बन जाता है।
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा के लिए नई रूपरेखा का ‘प्री-ड्राफ्ट’ जारी किया है और इस पर छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और विद्वानों से राय मांगी है। फ़िलहाल यह अभी एक प्री-ड्राफ्ट है, जिस पर राष्ट्रीय संचालन समिति के अंदर कई दौर की चर्चा होना बाकी है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) के मुताबिक गणित को कला, खेल और भाषा के साथ जोड़ने का प्रस्ताव दिया गया है ताकि स्टूडेंट्स के लिए इस विषय को ज्यादा क्रिएटिव और रुचिपूर्ण बनाया जा सके।
सरकार का कहना है, नेशनल करिकुल फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के इस ड्राफ्ट में छात्रों के बीच गणित के डर को दूर करने और इन प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को खत्म करने के लिए कदम उठाने पर भी जोर दिया जाना चाहिए कि लड़कियां गणित में कमजोर होती हैं,लड़कियां गणित में महारत हासिल नहीं कर पाती, बल्कि उच्च जाति के छात्र इस विषय को ज्यादा अच्छे से समझ सकते हैं। सरकार ने कहा है कि इस तरह की सामाजिक मान्यताओं से भी समाज में पूर्वाग्रह भी छात्रों में डर और चिंता का माहौल पैदा करते हैं। हमें समाज में मौजूद इन मान्यताओं को खत्म करने की आवश्यकता है।
नेशनल करिकुल फ्रेमवर्क (NCF) 2023 के प्री-ड्राफ्ट में पहली से 12वीं के छात्रों को स्टेप वाइज मैथ्स पढ़ाने पर जोर दिया गया है। 5+3+3+4 फॉर्मेट के स्कूली सिस्टम के तहत हर स्टेज के लिए मैथ्स की पढ़ाई का अलग प्लान बनाया है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक,नई शैक्षिक व्यवस्था 2024 के शैक्षणिक सत्र से लागू की जाएगी। मंत्रालय ने अक्टूबर 2022 में 3-8 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए मूलभूत चरण के लिए एनसीएफ लॉन्च किया था।
स्टेज वाइज होगी गणित की पढ़ाई
फाउंडेशनल स्टेज में: मूलभूत संख्या ज्ञान जैसे भारतीय अंकों को समझना, जोड़ना और घटाना सिखाया जाएगा। .
प्रीपरेट्री स्टेज में: गुणा, भाग, आकार और माप जैसे अंकों के बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर किए जाएंगे।
मिडिल स्टेज में: फाउंडेशनल स्टेज में सिखाए गए कॉन्सेप्ट्स को विस्तार से समझाया जाएगा।
सेकेंडरी स्टेज में: लॉजिकल रीजनिंग के माध्यम से तर्कों को सही ठहराने पर फोकस रहेगा।
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