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India's first Underwater Metro: देश में पहली बार नदी के नीचे दौड़ी मेट्रो, जानें प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी जानकारी

Gargi Santosh • LAST UPDATED : April 13, 2023, 8:14 am IST
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India's first Underwater Metro: देश में पहली बार नदी के नीचे दौड़ी मेट्रो, जानें प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी जानकारी

India’s first Underwater Metro

India’s first Underwater Metro: कोलकाता मेट्रो ने बुधवार यानि 13 अप्रैल को देश में  इतिहास रचा है। कोलकाता मेट्रो ने देश में पहली बार मेट्रो नदी में नीचे सुरंग बनाकर मेट्रो दौड़ाई है। इस सफर में केवल अधिकारी और इंजिनियर ही सवार थे। मेट्रो रेलवे के जीएम पी. उदय कुमार रेड्डी और दूसरे अधिकारियों ने कोलकाता के महाकारण स्टेशन से हावड़ा मैदान स्टेशन तक का सफर किया।

जानें पूरी प्रोजेक्ट डिटेल  

बता दें कोलकाता मेट्रो ने ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर प्रोजेक्ट शुरू किया था। ये पूरा कॉरिडोर 16.5 किलोमीटर लंबा है। इसमें 10.8 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड है, जबकि करीब 5.8 किलोमीटर एलिवेटेड है। ये कॉरिडोर हुगली नदी के नीचे एक स्ट्रेच के साथ कोलकाता के रास्ते साल्ट लेक और हावड़ा को जोड़ेगा। सेक्टर V से सियालदाह तक का कॉरिडोर शुरू हो चुका है। बाकी सियालदाह से हावड़ा मैदान तक का कॉरिडोर शुरू होना बाकी है।

इस तरह बनाई गई टनल

मीडिया के मुताबिक, इस टनल का इंटरनल डायमीटर 5.55 मीटर और एक्सटर्नल डायमीटर 6.1 मीटर है। वहीं ऊपर और नीचे 16.1 मीटर की दूरी है। टनल की अंदर वाली दीवारों को हाई क्वालिटी के M50 ग्रेड सीमेंट से बनाया जा रहा है। टनल के अंदर पानी का फ्लो और लीकेज रोकने के लिए भी कई सुरक्षा उपाय किए गए हैं। इसके लिए सीमेंट में फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका को सीमेंट में मिलाया गया है। वहीं किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भी टनल में 760 मीटर लंबा इमरजेंसी एक्जिट बनाया जा रहा है।

प्रोजेक्ट बनाने में कितना खर्चा आएगा?  

ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को अब तक शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन किसी कारण ऐसा हुआ नहीं और इस वजह से इसकी लागत भी बढ़ गई है। बता दें 2009 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। उस समय इस पर 4,875 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया था। उस समय प्रोजेक्ट पूरा होने की डेडलाइन अगस्त 2015 रखी गई थी। लेकिन पिछले साल दिसंबर में अधिकारियों के हवाले से बताया गया था कि इस वजह से इसकी लागत बढ़कर 8,475 करोड़ पहुंच गई है, जिसमें से 8,383 करोड़ खर्च भी हो चुके हैं।

ये भी पढ़ें: 45 सेकंड में हुगली नदी का 520 मीटर हिस्सा होगा पार, भारत में पहली बार नदी के नीचे दौड़ी मेट्रो

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