संबंधित खबरें
उत्पन्ना एकादशी के दिन जरूर घर पर लाएं ये 4 शुभ चीजें, कभी नहीं होगी पैसों की कमी, भगवान विष्णु करेंगे हर मनोकामना पूरी
साल 2025 में इन दो राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती, ये 3 चीजों से रहें सावधान वरना झेल नहीं पाएंगे प्रकोप!
महाभारत के इस योद्धा के प्यार में पड़ राक्षसी ने किया था अपने भाई से बगावत, ऐसा क्या हुआ जो रूप बदल बन गई थी 'देवी'!
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो कर लिया इन 3 शक्तिशाली मंत्रो का जाप, 3 महीनों में बेकाबू हो उठेगा कुबेर खजाना!
महाभारत में जब श्री कृष्ण के शंख से हील गया था पूरा ब्रम्हांड! वो राक्ष्स जिसके वजह से यमलोक में मच गया था हड़कंप, जानें क्या है उस शंख का नाम?
इन 3 राशि के जातकों को आज मिलने जा रहा है बुधादित्य योग का बड़ा मुनाफा, होगा इतना लाभ जिससे आप भी होंगे अंजान!
India News (इंडिया न्यूज़), Shri Radha Krishna Ashtakam, मुंबई: सनातन धर्म के अनुयायी बुधवार के दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन गणेश जी की पूजा करने का भी विधान है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भगवान श्रीकृष्ण अनंत काल से अपनी लीलाओं के जरिए सृष्टि का संचालन कर रहें हैं। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा उपासना करने से जातक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। साथ ही श्री राधा रानी की कृपा से घर में सुख और समृद्धि आती है। अगर आप भी भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो पूजा के समय ये स्तुति जरूर करें।
चथुर मुखाधि संस्थुथं, समास्थ स्थ्वथोनुथं ।
हलौधधि सयुथं, नमामि रधिकधिपं ॥
भकाधि दैथ्य कालकं, सगोपगोपिपलकं ।
मनोहरसि थालकं, नमामि रधिकधिपं ॥
सुरेन्द्र गर्व बन्जनं, विरिञ्चि मोह बन्जनं ।
वृजङ्ग ननु रञ्जनं, नमामि रधिकधिपं ॥
मयूर पिञ्च मण्डनं, गजेन्द्र दण्ड गन्दनं ।
नृशंस कंस दण्डनं, नमामि रधिकधिपं ॥
प्रदथ विप्रदरकं, सुधमधम कारकं ।
सुरद्रुमपःअरकं, नमामि रधिकधिपं ॥
दानन्जय जयपाहं, महा चमूक्षयवाहं ।
इथमहव्यधपहम्, नमामि रधिकधिपं ॥
मुनीन्द्र सप करणं, यदुप्रजप हरिणं ।
धरभरवत्हरणं, नमामि रधिकधिपं ॥
सुवृक्ष मूल सयिनं, मृगारि मोक्षधयिनं ।
श्र्वकीयधमययिनम्, नमामि रधिकधिपं ॥
वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम् ।
सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम् ॥
राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतम् ।
राधासेवितपादाब्जं राधावक्षस्थलस्थितम् ॥
राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम् ।
राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम् ॥
राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम् ।
राधासहचरं शश्वत् राधाज्ञापरिपालकम् ॥
ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम् ।
तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम् ॥
निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम् ।
नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम् ॥
यः सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम् ।
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ॥
बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम् ।
वेदवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम् ॥
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ।
गन्धर्वेण कृतं स्तोत्रं यः पठेत् प्रयतः शुचिः ।
इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम् ॥
हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोकं च निरामयम् ।
पार्षदप्रवरत्वं च लभते नात्र संशयः ॥
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.