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India News (इंडिया न्यूज़), Bilawal Bhutto, दिल्ली: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को एक बार फिर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। दरअसल, जरदारी गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, जिसे टीवी पर लाइव दिखाया जा रहा था। इस दौरान अचानक उनके घर की बिजली चली गई और उन्होंने टीवी पर दिखना बंद कर दिया, हालांकि इस दौरान उनकी आवाज सुनाई दी। बता दें, जब जरदारी के साथ यह घटना हुई थी, उस समय वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे।
गौरतलब है कि पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। जहां एक तरफ महंगाई ने हद कर दी है, वहीं दूसरी तरफ आम लोगों को भी बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इस बीच विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के घर बिजली गुल होने से साफ है कि पाकिस्तान के बड़े नेता भी इस संकट का सामना कर रहे हैं।
बिलावल गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इमरान खान पर तीखे हमले कर रहे थे। इस कॉन्फ्रेंस को टीवी पर लाइव दिखाया जा रहा था। तभी अचानक उनके घर की बिजली गुल हो गई। इस दौरान जरदारी ने टीवी पर आना बंद कर दिया। जरदारी ने स्थिति को संभालते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि बिजली क्यों काटी गई है, लेकिन यह साफ हो गया है कि बिलावल हाउस में भी बिजली कटौती हुई है। बता दें, पाकिस्तान में आम जनता रोजाना कई घंटे बिजली कटौती का सामना कर रही है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के लोगों से मामले को और खराब नहीं करने की अपील की। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि लोगों को इमरान की गिरफ्तारी के खिलाफ अपना हिंसक प्रदर्शन बंद करना चाहिए। हालांकि कुछ ही देर बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इमरान को रिहा कर दिया गया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) प्रमुख ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में इमरान की गिरफ्तारी पर पीटीआई की प्रतिक्रिया पूरी तरह से गलत है।
जरदारी ने कहा कि विरोध हिंसक हैं और इससे ऐसी स्थिति पैदा हुई है जिस पर मंथन करने की जरूरत है। हिंसा में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पीटीआई समर्थकों से यह घोषणा करने की मांग की कि वे कानून और संविधान का पालन करेंगे। जो होना था सो हो गया। चीजों को अपने लिए और कठिन न बनाएं।
जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना ने काफी संयम दिखाया है। अगर किसी अन्य देश में जनरल के घर या सशस्त्र बलों के मुख्यालय पर हमला होता, तो प्रदर्शनकारियों को सीधे गोली मार दी जाती। रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय पर केवल दो बार हमला किया गया है, एक बार प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा और दूसरी बार इमरान खान के समर्थकों द्वारा। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जरदारी ने कहा कि वे सैद्धांतिक रूप से किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ हैं, लेकिन इस तरह के फैसले परिस्थितियों के आधार पर लिए जाते हैं। अगर ऐसा फैसला लिया जाता है तो उस वक्त लिया जाएगा जब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा।
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