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इंडिया न्यूज(India News): (Inflation) खुदरा मंहगाई जिससे आम लोगों के जीवन पर खासा प्रभाव पड़ता है , इसे लेकर एक सकारात्मक खबर सामने आ रही है । जिससे आम लोगों को राहत मिल सकता है। बता दे महंगाई के मोर्चे पर लगातार तीसरे महीने में सरकार और आम लोगों को राहत की खबर मिली है। आंकड़ों के अनुसार खुदरा मंहगाई मई के महीने में 4.25 फीसदी पर आ गया है।जो कि अप्रैल 2021 के बाद सबसे कम देखने को मिला है। अप्रैल के महीने में यही आंकड़ा 4.70 फीसदी था और मार्च के महीने में 5.7 फीसदी पर आ गया था। इसका मतलब साफ है कि महंगाई में लगातार तीसरे महीने गिरावट देखने को मिली है और फरवरी के बाद से 205 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट देखने को मिल चुकी है।
मई के महीने में भी खाद्य पदार्थ के मंहगाई में गिरावट देखने को मिली है। बता दे अप्रैल के महीने में फूड इंफ्लेशन 3.84 फीसदी पर था जो घटकर मई के महीने में 2.91 फीसदी पर आ गया है। ग्रामीण और शहरी महंगाई की बात करे तो ग्रामीण महंगाई 4.17 रही। वहीं, शहरी मंहगाई फी 4.27 प्रतिशत रही। बेस इफेक्ट के अलावा फूड और फ्यूल की कीमतों में कमी की वजह से इस तरह के नंबर देखने को मिल रहे हैं। एनर्जी की कम कीमतों के अलावा अनाज और सब्जियों की कीमतों में नरमी ने भी महंगाई लेवल को कम किया है। एलपीजी और मिट्टी के तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज गिरावट की वजह से मई के महीने में फ्यूल महंगाई काफी कम हुई है।
आरबीआई ने मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई के अनुमान को 5 फीसदी से नीचे रखा है। आंकड़ों पर बात करें तो दूसरी तिमाही में रिटेल महंगाई 5.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी का अनुमान लगाया गया है। वैसे पूरे वित्त वर्ष का अनुमान 5.1 फीसदी लगाया गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि इस बार आरबीआई के टारगेट 4 फीसदी से ज्यादा महंगाई रहने का अनुमान है।
रिजर्व बैंक ने इस महीने हुई आरबीआई एमपीसी की मीटिंग में रेपो रेट को लगातार दूसरे महीने स्थिर रखा है। मौजूदा समय में आरबीआई की रेपो रेट 6.50 फीसदी है। आखिरी बार फरवरी के महीने में रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाया गया था। मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा हो चुका है। जानकारों की मानें तो इस साल के अंत तक आरबीआई रेपो में रेट में कोई बदलाव नहीं करेगी। वहीं कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि अगर महंगाई अगस्त तक 4 फीसदी तक आने में सफल रहती है तो अगस्त रेट साइकिल में ब्याज दरों को 0.15 फीसदी से 0.25 फीसदी तक किया जा सकता है।
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