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India News (इंडिया न्यूज़), Manipur Violence, इंफाल: मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के कामकाज पर उसके सहयोगी ही सवाल उठाने लगे हैं। मणिपुर में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने साफतौर पर यह बोल दिया है कि राज्य की एन बीरेन सिंह सरकार अगर सुरक्षा और शांति स्थापित करने में सक्षम नहीं होती है तो फिर गठबंधन में भी रहने का कोई फायदा नहीं है।
एनपीपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम युमनाम जॉयकुमार ने एक बातचीत के दौरान कहा, “अगर राज्य में यही स्थिति बनी रहती है। तो ऐसे में उनकी पार्टी को मौजूदा सरकार के साथ अपने समीकरणों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।” कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने बीते दिनों केंद्र पर हमला बोलते हुए राज्य की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की अपील की थी।
बता दें कि 60 सीटों वाली विधानसभा में 7 विधायकों के साथ NPP राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। एनपीपी सत्ताधारी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में BJP के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी थी। हालांकि, बाद में सातों विधायकों ने सीएम बीरेन सिंह को समर्थन देने का फैसला किया था।
पूर्व डिप्टी सीएम ने बीजेपी के साथ अपने गठबंधन के सवाल को लेकर कहा, “राज्य में हिंसा शुरू हुई करीब डेढ़ महीने हो चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ उनकी ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों के बावजूद स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।” उन्होंने आगे कहा, “राज्य सरकार की ये जिम्मेदारी होती है कि वह अच्छे से अपने लोगों की देखभाल करे।”
इसके साथ ही युमनाम जॉयकुमार ने आगे कहा, “राज्य सरकार अगर अपने ही लोगों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रख पा रही है। राज्य में शांति सुनिश्चित नहीं कर पा रही है तो इसे उनकी विफलता ही समझा जाएगा। यदि वे विफल हो गए हैं तो फिर उनके साथ रहने का कोई मतलब नहीं है। एनपीपी का सरकार का हिस्सा होने की वजह से हमारी भी बारबर की जिम्मेदारी बनती है। ऐसे में हम चुपचाप हाथ पर हाथ धरे तो नहीं बैठ सकते।”
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