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India News(इंडिया न्युज),Twitter: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ट्विटर (Twitter) की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें ट्विटर के द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ आपत्तिजनक अकाउंट और ट्वीट्स को ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी। जिसके बाद न्यायालय ने सोशल मीडिया कंपनी से कहा है कि सरकार के पास ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी करने की शक्ति है। इसके बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत जारी किए गए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश को सही बताया। जिसके बाद न्यायालय ने ट्विटर इंक द्वारा दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, सरकार के पास ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी करने की शक्ति है। इसके साथ हीं कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ट्विटर पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जिसे कंपनी को 45 दिनों के भीतर राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को भुगतान करना होगा।
ट्विटर के याचिका को रद्द् करने कर्नाटक हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, कुछ अकाउंट को ब्लॉक करने के सरकारी नोटिस के खिलाफ ट्विटर का अदालत में जाना “कल्पना का हिस्सा” था, जिसे कंपनी के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने पेश किया था। इसके बाद राजीव चंद्रशेखर ने ये भी कहा कि. आदेश स्पष्ट रूप से बताता है कि सरकारी आदेश का अनुपालन न करना कोई विकल्प नहीं है और सभी बड़े और छोटे प्लेटफार्मों को भारतीय कानूनों का पालन करने की आवश्यकता है।
मिली जानकारी के अनुसार ट्विटर ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए टेक डाउन आदेशों के खिलाफ याचिका दायर की थी। बता दें कि, ट्विटर ने जून 2022 में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट्स, अकाउंट्स और यूआरएल को हटाने के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसेक बाद याचिका में ट्विटर ने ये दावा किया था कि, केंद्र को उन ट्विटर हैंडल के मालिकों को नोटिस जारी करने की आवश्यकता थी जिनके खिलाफ ट्विटर पर अकाउंट ब्लॉकिंग आदेश जारी किए गए थे। इसके सात साथ ट्विटर ने यह भी दावा किया था कि उसे अपने इन अकाउंट्स को टेकडाउन के बारे में जानकारी देने से भी रोका गया था।
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