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India News (इंडिया न्यूज़), Neeru Yadav Story: राजस्थान के झुंझुनू जिले की सरपंच नीरू यादव नारी शक्ति की एक जीती जागती मिसाल हैं। उनके बेहतरीन काम को देखते हुए लोग प्यार से उन्हें ‘हॉकी वाली सरपंच’ कहते हैं। नीरू यादव का मानना है कि सरपंच ही एक ऐसा पद होता है जो कि जनता तक सीधे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाते हैं। गांव के उभरते हुए टैलेंट को संवारने के साथ-साथ उन्होंने प्रतिभाओं को सही मंच तक पहुंचाने का काम किया है। प्रतिभा का तराशने के लिए वह जो भी काम कर रही हैं। बाकई में वह तारीफ के काबिल है।
झुंझुनू जिले की सरपंच नीरू यादव ने लोगों के घर-घर जाकर बच्चों की काउंसलिंग की। जिसके बाद गांव की बेटियों के लिए एक हॉकी टीम बनाई। इसके साथ ही अपनी बच्चियों के लिए अपनी सैलरी से ही एक कोच भी रखा। इसके साथ ही वह इन लड़कियों के ट्रेनिंग का भी खुद से ख्याल रखती थीं। लड़कियों को सुबह उठाकर ग्राउंड पर ले जाती थीं। बता दें कि वह राजस्थान के झुंझुनू जिले के बुहाना तहसली के लाम्बी अहीर पंचायत की सरपंच हैं।
सरपंच नीरू यादव को बच्चों और खेल के प्रति काफी काफी समर्पण है। गांव की बच्चियों और दूसरे लोगों ने यह देखकर प्यार से उन्हें ‘हॉकी वाली सरपंच’ नाम दिया। ग्रामीणों के अनुसार, लड़कियों की काउंसलिंग पर नीरू यादव काफी ज्यादा ध्यान दिया करती थीं। एक शानदार हॉकी टीम बनाना उनका सपना था। नीरू यादव साल 2020 में पहली बार सरपंच बनी थीं।
ग्रामीणों का कहना है कि अपनी सैलरी से नीरू यादव लड़कियों के लिए स्कूल और खेल के मैदान के निर्माण के लिए दान कर रही हैं। वह भारत की पहली महिला सरपंच हैं। जो कि ‘सच्ची सहेली महिला एग्रो’ के नाम से FPO का संचालन किया करती हैं। इससे सभी किसानों को खाद बीज व अन्य सामग्री वाजिब शुल्क में मिल जाता है। वहीं शैक्षणिक स्तर पर नीरू यादन ने कई डिग्रियां हासिल की हैं। जिसमें एमएड, बीएससी, एमएससी, एमएड और पीएचडी शामिल हैं।
बता दें कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से सरकारी स्कूल भवन और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग के लिए नीरू यादव को सम्मान भी मिल चुका है। नीरू मूलरूप से हरियाणा की निवासी हैं। उन्होंने लड़कियों को बचपन से ही कम उम्र में ही अलग-अलग खेलों में खेलते हुए देखा है। ऐसे में राजस्थान में उन्होंने अपने गांव की लड़कियों का भी सपना पूरा करने का ठाना है।
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