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India News, (इंडिया न्यूज),MP News: एक ओर जंहा सरकार उद्योग को लेकर भूमि अधिग्रहण कर रही है, वहीं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में इसका विरोध भी हो रहा है। आए दिन धरने प्रदर्शन होते नज़र आ रहे हैं, जिला मुख्यालय से लेकर तहसील मुख्यालयों पर आदिवासी संगठन ज्ञापन दे रहे हैं। थांदला विधान सभा क्षेत्र की अनेक ग्राम पंचायत के सरपंचो सहित हजारों की संख्याओं में आदिवासी समाज प्रदर्शन करते हुए केन्द्र सरकार व राज्य सरकार को आगाह करते हुए नज़र आ रहे हैं।
भारतमाला योजनांतर्गत देश के सबसे बड़े हाइवे दिल्ली मुंबई 8 लेन के निकट उद्योग निवेश के लिए सरकार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से ग्रामीणों में काफी गुस्सा है। कलदेला ग्राम पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने थांदला में रैली निकालकर जय जवान जय किसान व जो जमीन सरकारी है वह हमारी है के नारे लगाते हुए तहसील कार्यालय पहुंच कर 6 सूत्रीय मांगों के साथ उद्योग के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज करवाई। कलदेला पंचायत के ग्राम सरपंच नरसिंह भाभर, कमल मेड़ा, राजेश भाभर, कमल डामोर, मनजी भूरिया, मीकू भाभर, रामचन्द पटेल आदि के साथ आये सैकड़ों ग्रामीणों ने तहसील परिसर में जमकर नारें बाजी करते हुए बताया कि शासन प्रशासन का भूमि अधिग्रहण का मामला असवैंधानिक है, इसलिए सरकार को इसे वापस लेना ही होगा।
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ग्रामीणों से इसी भूमि के लिए रसीद के माध्यम से हर साल राशि वसूलती आ रही है। वहीं अनेक ग्रामीणों व उन पर निर्भर परिवार व मवेशियों के लिए यह भूमि ही जरिया है ऐसे में ग्रामीणों से भूमि छीनकर बड़े बड़े उद्योगपतियों को देना उनके साथ अन्याय है। ग्रामीणों ने यह भी स्प्ष्ट किया कि वे देश के विकास में बाधक नही बन रहे हैं, लेकिन जब उनसे जल, जंगल, जमीन छीनी जा रही है तो वे अपनी जान दे देंगे लेकिन जमीन का एक टुकड़ा भी नही देंगें। ग्रामीणों के आक्रोश को शांत करते हुए तहसीलदार अनिल बघेल ने सभी को आश्वस्त किया कि उनकी बात उच्च अधिकारियों तक पहुँचाई जाएगी व न्याय संगत रास्ता निकाला जाएगा।
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