संबंधित खबरें
Delhi: दिल्ली के बुराड़ी में बड़ा हादसा, फैक्ट्री में आग लगने से 5 लोग घायल
Delhi: होटल रूम का दरवाजा खोलते ही मच गई खलबली, दोस्त ने गुरुग्राम में की आत्महत्या
CM आतिशी और अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा? सब कुछ हो गया साफ
दलित छात्रों को विदेशों में पढ़वाएगी दिल्ली सरकार, जानिए योजना की पूरी डिटेल
Vinay Saxena Vs Atishi: आखिर ऐसा क्या हुआ! जो CM आतिशी ने LG को कहा धन्यवाद
Delhi News: दिल्ली की अदालतों को लेकर बड़ा बदलाव! अब शाम को भी चलेंगी 11 जिलों की अदालतें
India News(इंडिया न्यूज),Clinical Establishment Act In Delhi: केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को दिल्ली में चिकित्सा संस्थानों को नियमों के दायरे में लाने के लिए एक पत्र लिख कर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (Clinical Establishment Act In Delhi) जल्द लागू करने की सलाह दी है। बता दें कि, देश की राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में नैदानिक प्रतिष्ठान अभी भी नियमों से बाहर हैं। जिसमें लैब, पैथोलॉजी, इमेजिंग सेंटर, क्लीनिक, फैमिली फिजिशियन और आयुष अस्पताल अनियमित रूप से चल रहे हैं।जिसके सबसे बड़ा नुकसान यह है कि नियमों की अनदेखी करने वाले संस्थान आसानी से कानूनी कार्रवाई में बच सकते हैं। जहां केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक पत्र लिखकर दिल्ली में मरीजों के फायदे का हितों का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार को पत्र लिख क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की सलाह दी है। हलाकि केंद्र सरकार के इस पत्र पर दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव आराधना पटनायक ने जारी पत्र में लिखा है कि, मार्च 2012 में केंद्र सरकार ने क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 को लागू किया लेकिन राज्य सरकार ने यह कहते हुए इस पर विचार नहीं किया कि राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट 1953 लागू है जो चिकित्सा संस्थानों की निगरानी करता है। वहीं आपको ये भी बता दें कि, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि, चिकित्सा संस्थानों को नियमों में बांधने के लिए केंद्र काफी समय से राज्य सरकार को पत्र लिख रहा है। वहीं जारी दस्तावेजों के अनुसार, तीन फरवरी 2017 को भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसी तरह का पत्र लिख राज्य सरकार से नियमों में संशोधन की सलाह दी ताकि मरीजों के साथ किसी भी तरह की गलत घटनाओं के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सके। तब से लेकर अब तक कई बार पत्र लिखा गया है।
क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत सभी तरह के चिकित्सा संस्थान नियमों के दायरे में आते हैं फिर चाहे वह अस्पताल हो या क्लीनिक। बता दें कि, सभी इकाइयां सरकार के नियंत्रण में रहती हैं और नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ सरकार जुर्माना लगा सकती है। नियमों का उल्लंघन करने और बिना पंजीकरण संचालन कानूनी रूप से अपराध की श्रेणी में आता है। इन पर जुर्माना के अलावा कानूनी मुकदमा तक दर्ज किया जा सकता है।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.