एडवोकेट को आमतौर पर एक वकील भी कहा जाता है लेकिन दोनों के बीच अंतर ये है कि वकील पढ़ाई करने बाद एक एडवोकेट बन जाता है जिसके पास अदालत में केस लड़ने की इजाजत होती है।
कानून में एक बैरिस्टर एक तरह का वकील होता है। उसके काम पर नजर डालें तो बैरिस्टर ज्यादातर कोर्टरूम, वकालत और मुकदमेबाजी में एक्सपर्ट माने जाते हैं। उनके ऊपर हाई कोर्ट, और ट्रिब्यूनल में मामले लेना, कानूनी दलीलों का ड्राफ्ट तैयार करना, कानून पर रिसर्च करना और कानूनी राय देने की जिम्मेदारी होती है।
एडिशनल कोर्स: एलएलबी की डिग्री कंप्लीट होते ही आपको बैरिस्टर ट्रेनिंग कोर्स (Barrister Training Course- BTC), बार प्रैक्टिस कोर्स (Bar Practice Course –BPC) और बार वोकेशनल कोर्स (Bar Vocational Course- BVC) करना होगा।
अनुभव बैरिस्टर के साथ ट्रेनिंग: बैरिस्टर के रूप में प्रैक्टिस करने के लिए आपको एक अनुभवी बैरिस्टर के साथ काम करना होगा और उनसे ट्रेनिंग लेनी होगी।
कार्य अनुभव लें: पढ़ाई पूरी करने के बाद आपको वर्क एक्सपीरियंस लेना होगा। आपको प्रैक्टिकल ट्रेनिंग आपको योग्य बनाने में मदद करेगा।
सार्वजनिक रूप से बोलना सीखे: अगर आप एक बैरिस्टर बनना चाहते हैं तो सार्वजनिक रूप से बोलना आना चाहिए।
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