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India News (इंडिया न्यूज़), PM Modi’s speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल क़िला से 90 मिनट का भाषण दिया। 10 साल के हिसाब के साथ अगले 1000 साल का सपना दिखाया। प्रधानमंत्री ने 110 बार भारत शब्द बोला, 63 बार विश्व, 48 बार परिवारजन, 43 बार सामर्थ्य, 23 बार गांव, 20 बार संकल्प, 19 बार नारी या महिलाएं, 17 बार आज़ादी, 14 बार भ्रष्टाचार और 13 बार युवा शब्द का इस्तेमाल किया।
भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण पर करारा प्रहार करके PM ने संदेश दे दिया कि अब सियासत में विरासत नहीं चलेगी। प्रधानमंत्री ने 2047 तक के विजन का ज़िक्र करके कहा- अगले साल फिर आऊंगा। मोदी के भाषण में महिला सशक्तिकरण, और युवा शब्द को भी ख़ास जगह मिली।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 का पहला भाषण 67 मिनट, 2015 में 88 मिनट, 2016 में 93 मिनट, 2017 में 59 मिनट, 2018 में 86 मिनट, 2019 में 90 मिनट, 2020 में 91 मिनट, 2021 में 85 मिनट, 2022 में 84 और अब 2023 में 90 मिनट का भाषण दिया।
पीएम मोदी के भाषण में इस बार वो सब कुछ था जो 26 दलों के विपक्षी गठबंधन INDIA को नश्तर जैसा चुभेगा। सामर्थ्य और संकल्प से भरे भाषण में भाई भतीजावाद पर सबसे बड़ा हमला भी था। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ बोलते हुए PM ने यहां तक कह दिया कि करप्शन ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है, लेकिन ये मोदी का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ता रहूंगा।
प्रधानमंत्री के भाषण में 2024 का कॉन्फ़िडेंस था। तभी तो गारंटी देकर कह दिया कि लिख कर रख लीजिए जिन योजनाओं का शिलान्यास कर रहा हूं, उनका उद्घाटन भी मैं ही करूंगा। भारत से उठे प्रकाशपुंज की बात करते हुए जब PM ने कहा कि, विश्व की ज्योति इसी प्रकाशपुंज में है तो इसका संदेश सात समंदर पार अमेरिका तक था।
फ़ॉर्म, रिफ़ॉर्म, परफ़ॉर्म के मंत्र में विश्वास था। ये कहने के लिए आत्मविश्वास की ज़रूरत होती है कि “हम ये बात मानकर चलें कि हम जो भी करेंगे, जो भी क़दम उठाएंगे और जो भी साधना करेंगे वो अगले एक हज़ार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है.” मोदी के इस संदेश के पीछे दूरदर्शिता है, संदेश है- संदेश ये कि अहम मुक़ाम पर खड़े देश में 2024 का फ़ैसला सही वोट देकर ही किया जाए।
2014 के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वाधीनता दिवस पर पहले भाषण से लेकर दसवें भाषण तक PM मोदी बदल गए हैं। 2014 में मोदी राजनीतिक विरोधियों और विपक्ष पर नरम थे, लेकिन आज जब नरेंद्र मोदी लालकिले पर बोलने आते हैं तो तीन सांचे में सिमटी पार्टियों को उखाड़ फेंकने की बात करते हैं और ये सियासी सांचा है- परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण का।
76 साल की आज़ादी पर प्रधानमंत्री ने लालक़िले की प्राचीर से कहा कि जब 2047 में भारत स्वतंत्रता के 100 साल मनाएगा, तो उस समय तिरंगा एक विकसित भारत का झंडा होना चाहिए। लेकिन मेरा मानना है कि 2047 तक विकसित देश का सपना पूरा करने के लिए कई लक्ष्य हासिल करना ज़रूरी है। लक्ष्य प्रति व्यक्ति आय की बेहतरी का, 5 ट्रिलियन की इकॉनामी का, ग्लोबल एक्सपोर्ट में भारत की 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी का, रोज़गार सृजन का। प्रधानमंत्री के एक-एक शब्द में एक तरफ़ दूरगामी सोच है तो दूसरी तरफ़ उस परंपरा पर हमला, जिसके तहत पार्टी ऑफ़ द फ़ैमिली, बाय द फ़ैमिली और फॉर द फ़ैमिली का ख़्वाब पाला जाता है।
इन सबसे अलावा पीएम मोदी ने मध्यम वर्ग को बड़े तोहफ़े का ऐलान भी किया। ग़रीब और मिडिल क्लास के लिए घर का सपना पूरा करने के लिए मोदी ने एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार होम लोन पर ब्याज में राहत देने के लिए एक योजना लेकर आ रही है। मतलब साफ़ है कि ब्याज पर छूट के लिए जल्द ही इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम की घोषणा की जा सकती है। इससे शहरों में झुग्गी-झोपड़ी और किराए पर रहने वाले लोगों का अपने घर का सपना पूरा हो सकेगा।
कोरोना काल के बाद होम लोन पर ब्याज़ बहुत ज़्यादा बढ़ कर आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुका है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने मई 2022 से अब तक रेपो रेट में 2.5 परसेंट का इज़ाफ़ा किया है। उम्मीद है प्रधानंत्री मोदी की नई स्कीम से बेहतर क्वालिटी के मकानों के साथ-साथ सस्ते मकानों को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।
मोदी के 90 मिनट में भारत के भविष्य का रोडमैप है। मानो राजनीति का महामानव कह रहा हो कि 9 साल में देश बदला, एक मौक़ा और मिला तो सियासत की सफ़ाई करूंगा। प्रधानमंत्री की स्पीच में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के लिए 2024 का संदेश है। लोकसभा चुनाव के चंद महीने बचे हैं, लिख कर रख लीजिए मोदी का 90 मिनट का ये भाषण अगले साल का गेमचेंजर है। टीवी वालों की भाषा में कहें तो ‘2024 का एजेंडा सेट, मोदी का प्लान परफ़ेक्ट’।
(लेखक राशिद हाशमी इंडिया न्यूज़ चैनल के कार्यकारी संपादक हैं)
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