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India News (इंडिया न्यूज़), Prime Minister Museum: सरकार ने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) सोसायटी कर दिया है। अब इसे लेकर राजनीति गलियारों प्रतिक्रियाओं का सिलसिला भी जारी हो गया है। एक तरफ कांग्रेस इसे राजनीतिक ऐक्शन करार दे रही है, तो वहीं बीजेपी इसे एतिहासिक निर्णय बता रही है। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे तुच्छता और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
कांग्रेस नेता शशि थरुर ने कहा, “यह अफ़सोस की बात है कि नौबत यहां तक आ गई। मुझे लगता है कि सभी प्रधानमंत्रियों को समायोजित करने के लिए इमारत का विस्तार करने का विचार एक अच्छा विचार है लेकिन इस प्रक्रिया में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने वाले पहले प्रधानमंत्री जो स्वतंत्रता के बाद प्रधानमंत्री रहे, उनका हटाना एक छोटी बात है। वे अब तक सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले पीएम हैं। आप इसे नेहरू मेमोरियल प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम कहना जारी रख सकते थे। यह तुच्छता दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हमारे अपने ऐतिहासिक अतीत के प्रति एक निश्चित कड़वाहट को दर्शाता है”
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस पर ट्विट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिला। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल), पीएमएमएल-प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है।
उन्होंने आगे लिखा, “पीएम मोदी के पास भय, जटिलताओं और असुरक्षाओं का एक बड़ा बंडल है, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P डाल दिया है…. लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।”
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