India News (इंडिया न्यूज़), Hum Mahilayen, दिल्ली: आईटीवी नेटवर्क की तरफ से हम महिलाएं कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। हरियाणा के फरीदाबाद में मिलन वाटिका में महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की जा रही है। इस कड़ी में उद्यमी सनोली कोल, रेसलर निलाम और वेशनल स्पीकर प्रिंयंका मदान ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
महिलाओं के लिए उद्योग जगत की चुनौैतियों पर सनोली जी ने कहा कि मुझे इस काम (लीडरशिप) को करते हुए 34 साल हो गए हैं। परिवारीक बिजेनेस से मैंने सब कुछ सीखा और उसका इस्तेमाल मैेंने कॉर्पोरेट केरियर में किया। मैं कई कंपनियों में HR रही हूं। आप जिंदगी से कुछ सीखते है और उसका प्रयोग करते है तो जीवन में जरुर सफल होंगे। जब हमारी जिंदगी में अवेयरनेस आती है तो सीधा रस्ता दिखने लगता है, फिर उस रस्ते पर चलने में मदद खुद मिलने लगती है।
इसी क्रम में रोहतक से एक छोटे से गांव और गरीब परिवार से आई रेसलर नीलम सिंह ने आपने जीवन से जुड़ी चुनौतियों को साझा किया। उन्होंने कहा, कि मैं 21 साल पहले फरीदाबाद में आकर रही और तब से यहीं रह रही हूं। उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में कुश्ती को लेकर बहुत मेहनत की और भारत का कोट मिलने में मुझे 26 साल लग गए। उन्होंने कहा कि जब मैं खेलने जाती थी तो मेरे चाचा-ताऊ मुझे मारते थे। आज से 26 साल पहले जब मैं 2 महीने कुश्ती करके आती थी तो मेरे गुरु मुझे 100 रुपए दिया करते थे। उन्होंने कहा कि परिवार सहयोग और राजनीति सहयोग ना होने पर मैंने अपने आप को गुरु बनाया और वक्त से थप्पड़ खा-खा कर आज यहां तक पहुंच पाई हूं। उन्होंने कहा कि मैंने पूरे वर्ल्ड में 600 किलोंग्राम वेटलिफटिंग करते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है और देश का नाम रोशन किया है।
वही मोटिवेशन स्पीकर प्रियंका मदान ने कहा कि अतीत के विचार हमें जल्दी से आगे बढ़ने नहीं देते है और भविष्य का डर हमें जीवन जीने नहीं देता है। हमें हमेशा दवाइयों से ज्यादा अच्छे विचारों की जरुरत है। अगर हमें जिन्दगी में परिवर्तन चाहिए तो हमें आपने आप में परिवर्तन करना है। हमारा अंतरमन ही बाहर रिज्लट के तौर पर दिखता है। महिलाओं को खुद की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
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