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India News (इंडिया न्यूज़), Shashi Tharoor, दिल्ली: चीन ने बीते सोमवार को एक नक्शा जारी किया जिसपर भारत में घमासान जारी है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन और पूरे दक्षिण चीन सागर को नक्शे में अपना बताया दिया। भारत की तरह की इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसपर एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो नया हो। 1950 के बाद से ही वो नक्शा जारी करते हैं। जिसमें भारतीय क्षेत्र को वो अपना बताते हैं। ये उनकी पुरानी आदत है। मुझे लगता है कि इसमें कुछ भी नहीं बदलने वाला। यह क्षेत्र भारत का ही हिस्सा हैं।
चीन ने यह नक्शा तब जारी किया जब कुछ दिन पहले ही ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति की मुलाकात हुई थी। इसके बाद माना जा रहा था की दोनों देशों की सीमा पर शांति होगी। लेकिन चीन की हरकत ने इसका उल्टा कर दिया। कुछ दिन बाद ही दिल्ली में जी-20 समिट भी है इसके चीनी राष्ट्रपति आने वाले है।
इस विवाद पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर का सरकार को साथ मिला है। थरूर ने भी माना कि चीन की यह पुरानी आदत है, जिससे वो बाज नहीं आता है। उन्होंने साथ ही सरकार को यह सुझाव भी दिया कि हमें ‘वन चाइना पॉलिसी’ का विरोध करना चाहिए और तिब्बत के लोगों को स्टेपल वीजा दिया जाना चाहिए।
So we have protested China's latest outrage, the issuance of yet another map claiming Arunachal Pradesh as their territory: https://t.co/dCXNyHJ6LO
Yes @DrSJaishankar is right, it IS an "old habit" of theirs. It's also their habit to ignore our protests. So are we going to leave…— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 29, 2023
थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हमने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र बताने वाले नक्शे का विरोध किया है। हां, डॉ जयशंकर सही हैं कि यह उनकी पुरानी आदत है। वो इसपर हमारे विरोध को भी नजरअंदाज कर देते हैं। क्या हमें यहीं उन्हें छोड़ देना चाहिए? क्या नाराजगी जाहिर करने के लिए हम इसपर इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। हम चीनी पासपोर्ट धारक तिब्बत के मूल निवासीयों को स्टेपल वीजा क्यों नहीं देते हैं और उनकी वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करना हम बंद क्यों नहीं करते हैं?’
जब किसी एक देश के नागिरक को किसी दूसरे देश में यात्रा करनी हो तो उसे देश से अनुमति चाहिए होता है। इसे वीजा कहा जाता है। इसमें कई प्रकार होते है। जैसे से टूरिस्ट वीजा, बिजनेस वीजा, ट्रांज़िट वीजा, पत्रकार वीजा, एंट्री वीजा, ऑन अराइवल वीजा और पार्टनर वीजा। स्टेपल वीजा में इस प्रकार के वीजा में इमिग्रेशन ऑफिसर पासपोर्ट पर स्टाम्प नहीं लगाता, बल्कि एक अलग से कागज या पर्ची को पासपोर्ट से जोड़कर देता है। स्टेपल वीजा में व्यक्ति के पासपोर्ट के साथ एक अलग कागज जोड़कर कर यात्रा का उद्देश्य लिखा होता है।
चीन की तरफ से भारत के दो राज्य- अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए स्टेपल वीजा जारी किया जाता है। अरुणाचल को वह अपना हिस्सा मानता था साथ ही जम्मू-कश्मीर को वह विवादित क्षेत्र मानता है। चीन, कश्मीर पाकिस्तान ने रूख के साथ खड़ा रहता है।
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