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India News (इंडिया न्यूज़), G-20 Summit: इस बार भारत के द्वारा जी-20 (G-20) की अध्यक्षता की जा रही है। इस अहम बैठक के लिए सरकार की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और इसका आयोजन 9-10 सितंबर 2023 को राजधानी दिल्ली (G-20 Summit In Delhi) में भारत की मेजबानी में होने वाला है। इस सम्मेलन में कई देशों के नेता अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाले हैं। तो वहीं कुछ ने शामिल होने से इंकार कर दिया है। ऐसे विदेश मंत्री ने न्यूज एजेंसी ANI जी20 को लेकर विस्तार से बातचीत की।
#WATCH …सब कुछ तैयार हो रहा है। वार्ताकार बातचीत कर रहे हैं, और जो लोग व्यवस्थाएं ठीक कराने का प्रयास कर रहे हैं वे इस पर काम कर रहे हैं। यह वास्तव में हमारे लिए बहुत ही केंद्रित समय है। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि लोगों को यह पता चले कि क्या हो रहा है और अभी जी20 के… pic.twitter.com/V5zhvPb7mD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 6, 2023
अपने खास बातचीत में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा,”सब कुछ तैयार हो रहा है। वार्ताकार बातचीत कर रहे हैं, और जो लोग व्यवस्थाएं ठीक कराने का प्रयास कर रहे हैं वे इस पर काम कर रहे हैं। यह वास्तव में हमारे लिए बहुत ही केंद्रित समय है। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि लोगों को यह पता चले कि क्या हो रहा है और अभी जी20 के बारे में मेरा मानना है कि इसमें बहुत सारे मुद्दे हैं। कुछ दीर्घकालिक संरचनात्मक मुद्दे हैं, और कुछ अधिक उभरने वाले हैं।”
एस. जयशंकर ने आगे कहा,”ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर दुनिया गौर कर रही है और इसका बोझ ग्लोबल साउथ और विकासशील देशों पर है। हमारे लिए एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश ग्लोबल साउथ पर ध्यान केंद्रित करना है। लेकिन इसका एक बड़ा संदर्भ भी है। संदर्भ बहुत अशांत वैश्विक वातावरण, कोविड का प्रभाव, यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव, ऋण जैसे मुद्दे जो कुछ समय से चल रहे हैं और जलवायु व्यवधान जो आज अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रहे हैं।”
एस. जयशंकर ने कहा,”पहले भी G-20 शिखर सम्मेलन की बैठकें हुई हैं लेकिन किसी भी अन्य G-20 प्रेसीडेंसी ने उन विकासशील देशों के साथ बात करने की कोशिश नहीं की जो टेबल पर नहीं हैं और कहा हो कि हमारे साथ आकर बैठें और अपनी समस्या बताएं जिसे हम G-20 देशों के सामने रखेंगे। ऐसा किसी अन्य देश ने नहीं किया है। अगर 125 देशों से परामर्श लिया है और उन्हें लगता है कि जो हमने भारत को समस्या बताई हैं, तो उनको भारत से बहुत अपेक्षाएं हैं… G-20 देश जो भारत आ रहे हैं वह समझेंगे कि भारत के ऊपर किस तरह की ज़िम्मेदारियां हैं और समझेंगे कि अन्य 180 देश उनकी तरफ देख रहे हैं।”
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