संबंधित खबरें
Maharashtra में कौन बनाएगा सरकार…नतीजों से पहले ही हो गया खुलासा? जानें कौन संभालेगा 'सिंहासन'
Jharkhand Assembly Hot Seat: सोरेन परिवार, बाबूलाल मरांडी से लेकर चम्पई सोरेन और सुदेश महतो तक, झारखंड के इन दिग्गजों के किस्मत का आज होगा फैसला
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: चुनाव आयोग की रुझानों में महायुति गठबंधन आगे, महाविकास अघाड़ी को लग सकता है बड़ा झटका
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह
मणिपुर में जल्द होगी शांति! राज्य में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, उपद्रवियों के बुरे दिन शुरू
India News(इंडिया न्यूज),Chicken Pox: भारतीय वैज्ञानिकों को देश में पहली बार चिकनपॉक्स के वायरस का नौंवा रूप मिला है जिसे क्लेड नौ कहा जाता है। मिली जानकारी के अनुसार वैज्ञानिकों को इसकी पहचान तब हुई जब वह प्रयोगशाला में मंकीपॉक्स को लेकर संदिग्ध रोगियों के सैंपल की जांच कर रहे थे। बता दें कि, जांच के दौरान वैज्ञानिकों बफेलो पॉक्स और एंटरोवायरस भी मिला।
वैज्ञानिकों को मिला ये वायरपस वैरिसेला जोस्टर वायरस को चिकनपॉक्स का वायरस कहते हैं। एक रिपोर्ट की माने तो ये अभी तक भारत में इसके कई क्लेड मिले हैं लेकिन यह स्वरूप पहली बार मिला है और आशंका यह भी है कि उत्तर प्रदेश से लेकर तमिलनाडु और राष्ट्रीय राजधानी तक में यह प्रसारित है। एनल्स ऑफ मेडिसिन नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि, दुनिया भर में मंकीपॉक्स के मामले प्रसारित होने के चलते भारत ने निगरानी बढ़ाई है। अलग अलग राज्यों से संदिग्ध रोगियों के सैंपल लेकर उनकी जांच की जा रही है। इसी निगरानी में उन्हें बच्चों और वयस्कों में वैरिसेला जोस्टर वायरस के मामलों का भी पता चला।
ये वायरस मिलने के बाद इस विषय पर वैज्ञानिकों का कहना है कि, सामान्य तौर पर वैरिसेला जोस्टर वायरस की पहचान चिकित्सा निदान में होती है लेकिन जिन मरीजों को बुखार और त्वचा पर चकत्ते हैं उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे मरीजों के सैंपल की जांच होनी चाहिए। यह रोगी मंकीपॉक्स के साथ साथ अन्य तरह के संक्रमण को लेकर भी संदिग्ध हो सकते हैं। वहीं वैज्ञानिकों ने ये भी बताया कि, इन राज्यों के सैंपल में मिला वीजेडवी जानकारी के अनुसार, पुणे स्थित एनआईवी की प्रयोगशाला में चंडीगढ़, नई दिल्ली, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से सैंपल जांच के लिए पहुंचे जिनमें वीजेडवी के अलग अलग क्लेड की पुष्टि हुई है।
क्लेड नौ के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. प्रज्ञा ने बताया कि, अभी तक वैरिसेला जोस्टर वायरस का क्लेड नौ जर्मनी, यूके और अमेरिका में पाया गया है। इसके साथ हीं हाल ही में न्यू यॉर्क के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पुष्टि की है कि, यह क्लेड रोगी के नर्वस सिस्टम पर हमला कर उनकी जान जोखिम में डाल सकता है।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.