संबंधित खबरें
एलजी वीके सक्सेना CM आतिशी पर हुए मेहरबान, दीक्षांत समारोह में कह दी ये बात..
Delhi Jal Board: यमुना प्रदूषण पर एनजीटी की सख्ती, दिल्ली जल बोर्ड और नगर निगम पर 50 करोड़ का जुर्माना
CM Atishi News: दिल्ली में BJP को झटका, CM आतिशी के खिलाफ मानहानि केस पर रोक
Delhi Pollution News: प्रदूषण से दिल्लीवाले हुए परेशान, SC ने सरकार और पुलिस को लगाई फटकार, दिए सख्त निर्देश
Delhi News: सर्दियों में घूमने का शानदार मौका, DDA के इन पार्कों में सिर्फ 10 रुपये में करें सैर
Delhi Election 2025 : आप का 'रेवड़ी पर चर्चा' अभियान लॉन्च, केजरीवाल बोले- 'फ्री सुविधाएं देना..'
India News (इंडिया न्यूज़), Rana Yashwant, G20: जी-20 की बैठक के पहले दिन भारत ने दो बड़ी कामयाबी हासिल की, यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार ने सदस्य देशों के साथ मिलकर काफी मशक्त की है। शिखर बैठक के पहले सत्र में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य का दर्ज देना औऱ दूसरे सत्र में नई दिल्ली घोषणापत्र को सर्व सहमति से पास करा लेना मोदी सरकार की राजनयिक और कूटनीतिक क्षमता का प्रमाण है। सबसे बड़ी चुनौती यूक्रेन युद्द में रुस की भूमिका को लेकर बैठक में क्या कहा जाता है इसको लेकर थी, घोषणापत्र में यूक्रेन का 4 बार जिक्र तो है लेकिन रुस का नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट में अपने भाषण में जो कहा था उसको भारत के पक्ष के रुप में घोषणापत्र में रखा गया है। प्रधानमंत्री ने तब कहा था कि यह युद्द का समय नहीं है, इसके साथ घोषणापत्र में ‘यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति’ का आह्वान किया गया है। सदस्य देशों से इलाकों पर कब्ज़ा करने के लिए ताकत के इस्तेमाल या किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ कार्य करने से बचने का आग्रह किया गया है। अगर आप इस लिहाज से देखें तो भारत ने रुस को सीधी चुनौती और यूक्रेन युद्द का कुसूरवार ठहराए जाने से बचा लिया है, लगे हाथ रुस को यह संकेत भी दिया है कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता उसके हमले से खंडित हुई है।
लेकिन अमेरिका औऱ पश्चिमी देशों की मौजूदगी में शिखर बैठक को रुस पर सीधे हमले से बचाकर ले जाना मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी है, अगर आप घोषणापत्र को देखें तो आंतकवाद एक बड़े खतरे के तौर पर दिखता है। 83 पैरा के घोषणापत्र में आतंकवाद का नौ बार जिक्र है, सदस्य देशों के बीच आतंकवाद को पनाह देनेवालों के खिलाफ सहयोग बढाने पर सहमति तैयार करने में कामयाबी मिली है। इस तरह पाकिस्तान के खिलाफ जी-20 की बैठक में मिलकर एक्शन लेने की जमीन भारत ने तैयार करवा ली है। रुस के खिलाफ कोई प्रस्ताव नहीं आने और आंतकवाद को पनाह देने वालों के विरुद्द मिलकर कार्रवाई करने जैसे मुद्दों पर जी-20 शिखर बैठक की सहमति के जरिए दुनिया को भारत ने यह संकेत भी दिया है कि वह अब एक ग्लोबर लीडर की हैसियत हासिल कर चुका है। अपनी बातें अन्य देशों को समझाना और उन्हें सहमत कराना उसे आ चुका है।
दुनिया में कमजोर औऱ विकासशील देशों का समूह जिसे ग्लोबल साउथ कहते हैं उसका बड़ा मंच अफ्रीकन यूनियन है, इस यूनियन में अफ्रीक महादेश के 55 देश हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहल से इस बार अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का स्थायी सदस्य बना दिया। इससे ग्लोबल साउथ के देशों का सबसे मजबूत आवाज भारत बन गया। सदस्यता को हरी झंडी मिलते के बाद अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष अजाली असोमानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगा लिया, अफ्रीकी देश कर्ज और भूख के संकट से जूझते रहे हैं, ऐसे में जी-20 की सदस्यता मिलने से विकास की समावेशी योजना का वे हिस्सा बन जाएंगे। अफ्रीकी देशों के कर्ज को रीस्ट्रक्चर कर उन्हें राहत देने औऱ विकास की मुख्य धारा से उनको जोड़ने के लिए जी-20 के जरिए भारत ने वर्ल्ड बैंक औऱ आईएमएफ को नियमों में जरुरी बदलाव लाने के लिए तैयार किया है। मल्टीलेट्रल डेवलेपमेंट बैंकों को मजबूती करने, उन्हें बेहतर, बड़ा और ज्यादा कारगर बनाने को घोषणापत्र मे शामिल किया गया है।
इस बैठक में विकास को रफ्तार देने और आपसी सहयोग को बढाने के लिए इकोनॉमिक कोरिडोर तैयार करने पर सहमति बनी इस कोरिडोर में भारत, सऊदी अरब, यूएई, यूरोपियन यूनियन, इटली, जर्मनी, फ्रांस औऱ अमेरिका शामिल होंगे। अगर आप 37 पन्नों और 83 पैरा के पूरे दिल्ली डिक्लेयरेशन को पढें तो साफ दिखता है कि भारत जी-20 शिखर बैठक को विकास और कल्याण की तरफ मोड़ने में कामयाब रहा है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट और तकनीक आधारित विकास दोनों को समांतर तरीके से आगे बढाने की नीति पर सहमति बनी। भारत की पहल पर वन फ्यूचर अलायंस औऱ बायो फ्यूल एलायंस बनाने का ऐलान किया गया।
भारत ने इस बात की सफल कोशिश की कि विकास को किसी देश की जीडीपी के आधार पर नहीं बल्कि दुनिया में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के आधार पर मापा जाना चाहिए। बैठक के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानव-केंद्रित वैश्वीकरण और ग्लोबल साउथ को लेकर हमारी चिंताओं को आवाज़ और मान्यता मिली है, अगर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस बैठक को आनेवाली पीढियां याद रखेंगी तो इसका कारण ये है कि बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करने का ऐसा रोडमैप जी-20 के मंच पर पहले कभी तैयार नहीं हुआ था।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.