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India News (इंडिया न्यूज़), Justin Trudeau, दिल्ली: कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जी-20 सम्मेलन के बाद पीएम मोदी के साथ एक अनौपचारिक बैठक की। एक बाद कनाडा के पीएम ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने इसमें कहा कि खालिस्तान उग्रवाद और “विदेशी हस्तक्षेप” के मुद्दे पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई बातचीत की है। हम हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और साथ ही हिंसा को रोकने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि “कुछ लोगों की हरकतें” पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी के साथ चर्चा के दौरान खालिस्तान उग्रवाद और “विदेशी हस्तक्षेप” के मुद्दे सामने आए तो उन्होंने कहा, “दोनों मुद्दे सामने आए। पिछले कुछ वर्षों में, दोनों मुद्दों पर पीएम मोदी के साथ हमारी कई बातचीत हुई हैं।
कनाडाई पीएम ने कहा कि कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। साथ ही, हम हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा मौजूद हैं।
#WATCH | Delhi: On Khalistan extremism and "foreign interference", Canadian Prime Minister Justin Trudeau says, "Both the issues came up. Over the years, with PM Modi, we have had many conversations on both of those issues… Canada will always defend freedom of expression,… pic.twitter.com/sRYsCoEvY0
— ANI (@ANI) September 10, 2023
उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि समुदाय के मुद्दे पर यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। इसका दूसरा पहलू यह है कि हमने कानून के शासन का सम्मान करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला और हमनें विदेशी हस्तक्षेप के बारे में बात की।
PM Modi met Canadian PM Justin Trudeau on the sidelines of the G20 Summit in New Delhi.
He (PM Modi) conveyed our strong concerns about the continuing anti-India activities of extremist elements in Canada. They are promoting secessionism and inciting violence against Indian… https://t.co/YwFAHJDJd2 pic.twitter.com/9iZVEun8bs
— ANI (@ANI) September 10, 2023
पीएम मोदी से ट्रूडो की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि पीएम मोदी ने कनाडाई समकक्ष से चरमपंथी तत्वों की जारी भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में हमारी कड़ी चिंताओं से अवगत कराया। वे अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को धमकी दे रहे हैं।
बयान आगे कहता है कि संगठित अपराध, ड्रग सिंडिकेट और मानव तस्करी के साथ ऐसी ताकतों का गठजोड़ कनाडा के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए। ऐसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों का सहयोग करना जरूरी है। पीएम ने यह भी उल्लेख किया कि भारत-कनाडा संबंधों की प्रगति के लिए आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित संबंध आवश्यक है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में कनाडा में खालिस्तान उग्रवाद की कई घटनाएं सामने आई हैं। इस साल जून में कनाडा में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के जश्न में एक झांकी परेड का आयोजन किया गया था, जिसकी नई दिल्ली ने कड़ी आलोचना की थी। इसी साल मार्च में खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में भारतीय दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए और मौके पर मौजूद भारतीय मूल के पत्रकारों के साथ कथित तौर पर मारपीट की।
कनाडा में खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा भारत विरोधी भित्तिचित्रों के साथ कई मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई है। इससे पहले जुलाई में, भारत ने 8 जुलाई को होने वाली खालिस्तान समर्थक रैली की जानकारी के साथ कनाडा में प्रसारित किए जा रहे पोस्टरों में अपने राजनयिकों को मिल रही धमकियों पर चिंता जताई थी। पोस्टरों में कनाडा में भारतीय राजदूत और टोरंटो में महावाणिज्य दूतावास को धमकी दी गई थी।
सिख चरमपंथियों द्वारा प्रसारित पोस्टरों में कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास अपूर्व श्रीवास्तव का नाम लिया गया है और उन पर जून में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख और नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया है।
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