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India News (इंडिया न्यूज़), Will of Steel Awards: दुनिया के सबसे बड़े पत्रकारिता पुरस्कार ‘विल ऑफ स्टील अवॉर्ड्स (Will of Steel Awards)’ आज यानि 15 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित NDMC कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। इस अवॉर्ड कार्यक्रम में इस जगत से जूड़ी बड़ी-बड़ी हस्ती उपस्थित रही। जिसमें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ और कानून मंत्री अर्जून राम मेघवाल शामिल रहे।
#JethmalaniMemorialLecture | Further elaborating on Ram Jethmalani’s role in the case, Hon’ble CJI recounts that Mr. Jethmalani wrote the briefs for the prosecution lawyer, Y V Chandrachud pointing out 8 instances of jury misdirection. pic.twitter.com/YIhvPN1IYD
— NewsX (@NewsX) September 15, 2023
चीफ जस्टिस ने कहा कि राम जेठमलानी जी भारत के लिए सबसे बड़े अपराधिक वकील थे। वो 2 बार लोकसभा और एक बार राज्य सभा के संसद रह चुके है और उन्होंने अपने पद में अच्छा काम किया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि जब राम जेठमलानी जी ने अपने लीगल करियर की शुरुआत मात्र 17 साल में की थी। लेकिन उस वक्त वकाल की उम्र 21 साल थी। जिसके बाद उन्होंने उन्होंने खुद के लिए एक विशेष प्रस्ताव पास कराया और 18 साल की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत ली।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद उन्होंने उस वक्त काम किया जब समाज में बहुत चीजें परिवर्तित हो रही थी। लेकिन उन्होंने अपना विश्वास संवैधान और कानून पर बनाकर रखा। उन्होंने कहा कि विभाजन के कारण उन्हें शरणार्थी के रूप में (फरवरी 1948 में) मुंबई, भारत आना पड़ा। उस वक्त उनके पास मात्र 10 रुपए थे। उन्होंने कहा कि मुबई में मात्र तीन साल की कानूनी प्रक्टिस के बाद पाकस्थान के आए शरणार्थी के लिए अपना पहला केस लड़ा।
चीफ जस्टिस ने कहा उन्होने मुबई में प्रैक्टिस के 10 साल के बाद साल 1957 में सुप्रीम कोर्ट में अपना पहला केस लड़ा और एक क्रिमिनल लॉयर के रुप में आपना व्यक्ति्त बनाकर रखा। उन्होंने कहा कि राम जेठमलानी जी एक अच्छे वकील के साथ एक अच्छे अध्यापक भी रहे हैं। जिन्होंने मुबंई में बच्चों के बहतर शिक्षा दी थी। उन्होने कहा कि जेठमलानी जी के पास राजनीतिक से लेकर कानून तक काफी अच्छे संबंध थे लेकिन उनहोंने हमेशा समाज के लिए उन संबंधों का प्रयोग किया था।
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