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India News (इंडिया न्यूज), Opposition Alliance: CPI-M विपक्षी गठबंधन इंडिया को एक बड़ा झटका दे सकता है। सूत्रों की माने तो CPI-M ने बंगाल और केरल में गठबंधन के खिलाफ जाने का फैसला लिया है। CPI-M के लिए बंगाल में ममता बनर्जी की TMC और कांग्रेस से सीधी ठक्कर है। इसके अलावा पार्टी ने बीजेपी के विरोधी मोर्चे के कॉर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग में अपने प्रतिनिधि को भी नहीं भेजने का फैसला लिया था। इस मीटिंग में 14 मैंबर्स के सदस्यों की टीम में CPI-M की सीट खाली पड़ी रही थी।
इस विषय में बात करते हुए पूर्व राज्यसभा सदस्य, पोलित ब्यूरो सदस्य नीलोत्पल बसु ने कहा कि हमारा ये फैसला गठबंधन में बने रहने को नकार नहीं रहा। उन्होंने कहा कि इंडिया अलायंस के अंदर मतभेद है ये बात सच है।
बैगलोरु में विपक्षी दलों की मीटिंग से पहले CPI-M के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ये साफ है कि बंगाल में बीजेपी और TMC की टक्कर है और केरल में यूडीएफ और एलडीएफ आमने सामने है। उन्होंने कहा कि राज्य लेवल में पार्टियां एक साथ हो सकती है, लेकिन राज्य लेवल में एक साथ चुनावी सयोजन में आना मुश्किल है।
वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री मामला बनर्जी के लिए CPI-M का ये निर्णय परेशान किसी भी तरह से परेशान करने वाला नहीं है। क्योंकि बंगाल में मामता बनर्जी की पार्टी भी वामपंथी नेताओं के साथ मंच साझा करने में करने के लिए असहज महशूस कर रही थी।
हालांकि पार्टी के पोलित ब्यरो में ऑन रिकॉर्ड CPI-M ने इस फैसला का जिक्र नहीं किया है। इसने कहा कि यह गठबंधन की मजबूती और विस्तार के लिए काम करेगा। “पोलित ब्यूरो ने भारतीय गणराज्य के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र, संविधान, लोकतंत्र और लोगों के मौलिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के प्रयासों को मजबूत करने के लिए इंडिया ब्लॉक के आगे एकीकरण और विस्तार के लिए काम करने का फैसला किया। इसके लिए जरूरी है कि भाजपा को ऐसा करना चाहिए।”
बयान में कहा गया, ”केंद्र सरकार और राज्य सत्ता को नियंत्रित करने से दूर रखा गया। पोलित ब्यूरो ने इन प्रयासों को और मजबूत करने का फैसला किया।” पोलित ब्यूरो ने कहा कि उसने देश भर में सार्वजनिक मीटिंग आयोजित करने और आगामी चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए लोगों को एकजुट करने के लिए पटना, बेंगलुरु और मुंबई में इंडिया ब्लॉक की पिछली तीन बैठकों में पार्टी के रुख का भी समर्थन किया।
वही, इसने भारत ब्लॉक की “संगठनात्मक संरचनाओं” पर अपनी आपत्तियों का संकेत दिया। बयान में कहा गया है, “हालांकि सभी निर्णय घटक दलों के नेताओं द्वारा लिए जाएंगे, लेकिन कोई संगठनात्मक संरचना नहीं होनी चाहिए जो ऐसे निर्णयों में बाधा बने।” वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ द्वारा भोपाल में इंडिया रैली रद्द करने के बाद पार्टी ने इंडिया समन्वय और चुनाव रणनीति समिति के लिए अपने प्रतिनिधि का नाम बताने से इनकार कर दिया।
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