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India News (इंडिया न्यूज),Women’s Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया है। वहीं एक तरफ जेडीयू ने दावा किया कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनते ही महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया गया था। हालांकि पीएम मोदी द्वारा पेश किया गया अधिनियम बिहार के एक विधेयक से प्रभावित है। पीएम द्वारा लायी गई व्यवस्था बिहार में बहुत पहले से है।
बिहार हमेशा से देश को रास्ता दिखाया
इस पर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा, केंद्र का बिल नीतीश कुमार के विजन से प्रेरित है। 2006 में बिहार देश का पहला राज्य बना जहां महिलाओं को स्थानीय निकायों और पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। इससे यह तय होता है कि बिहार हमेशा से देश को रास्ता दिखाते आया है।
हर दस साल में(जनगणना) हो जानी चाहिए
ANI के मुताबिक, नीतीश कुमार ने कहा कि हम शुरू से महिला आरक्षण बिल की मांग कर रहे हैं। इसके साथ हमने और भी मांग की थी लेकिन वह नहीं हुआ। हर दस साल में(जनगणना) हो जानी चाहिए थी जो नहीं हुई, हमने महिलाओं के हित में सबसे पहले काम किया। महिला भर्ती, स्कूल सहित अन्य क्षेत्र में महिलाओं के हित में काम किया। महिलाओं को आरक्षण बिल्कुल मिलना चाहिए इसी प्रकार से हमारी मांग है कि SC/ST, पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग की महिलाओं को भी विधान सभाओं और लोकसभा-राज्यसभा में आरक्षण मिलना चाहिए।
महिला सशक्तीकरण में बिहार पहला राज्य
नीतीश कुमार ने एक्स के माध्यम से कहा कि संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया।
महिला आरक्षण के दायरे में बिहार देश का पहला राज्य
आगे कहा, हमारा मानना है कि संसद में महिला आरक्षण के दायरे में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की तरह पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिये भी आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिये। बिहार में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के अन्तर्गत नामांकन में न्यूनतम 33 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित की गयी हैं। ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य है।
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