संबंधित खबरें
Delhi Railway News: ट्रेन यात्रियों के लिए बड़ी खबर, कोहरे के कारण इतने दिन तक बंद रहेंगी दिल्ली-हरियाणा की 6 ईएमयू ट्रेनें
UP By-Election Results 2024 live: यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग जारी, नसीम सोलंकी की जीत तय
Bihar Bypolls Result 2024 Live: बिहार की 4 सीटों पर मतगणना शुरू! सुरक्षा पर प्रशासन की कड़ी निगरानी
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: महाराष्ट्र में महायुति तो झारखंड में JMM गठबंधन सरकार बनाने की तरफ अग्रसर, जानें कौन कितने सीट पर आगे
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
India News (इंडिया न्यूज़), Santosh Kumar, Jharkhand News: झारखंड में मानसून लगभग आखिरी दौर में है। कई इलाकों में हल्की बारिश हो रही है तो कई इलाके अब भी बारिश के लिए तरस रहे हैं। आधिकारिक तौर पर 30 सितंबर को मानसून झारखंड से चला जाएगा। अब तक झारखंड में सिर्फ 65 फ़ीसदी के आसपास बारिश हुई है। राज्य में धान की खेती मुख्य फसल है और ऐसे में कई इलाके में अब भी धान की बुवाई नहीं हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 60 से 65 फ़ीसदी के आसपास ही बुवाई हो पाई है जिसकी वजह से किसानों में खासी निराशा देखने को मिल रही है। मौसम विभाग के मुताबिक झारखंड में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है। आंकड़ों की माने तो राज्य के 24 जिलों में से 21 जिलों में जिसमें रांची भी शामिल है 53 फ़ीसदी तक कम बारिश होने से स्थिति काफी भयावह है। गुड्डा सिमडेगा और साहिबगंज यह सिर्फ तीन जिले ही है जहां पर सामान्य बारिश हुई है।
अगर राज्य में सुखद होता है तो ऐसे में झारखंड के लगभग 30 लाख किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। झारखंड पीएम फसल बीमा योजना में शामिल नहीं है इसीलिए झारखंड के सभी किसानों को चाहे उनका जितना भी नुकसान हो सिर्फ मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना से ₹3500 का लाभ मिल पाएगा। झारखंड सरकार के कृषि विभाग के बड़े पदाधिकारी ने अपने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह कहा है कि अगर राज्य में किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना होता तो शायद किसानों के लिए अभी राहत की बात होती। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से झारखंड को जोड़ने पर विचार कर रही है।
धान की अच्छी बुवाई नहीं होने की वजह से आकस्मिक तौर पर कृषि विभाग ने अपने सभी जिलों को वैकल्पिक फसल बोने की लिए किसानों को प्रेरित करने को कहा है। खासकर इसमें मोटे अनाज शामिल है सरकार की इस पहल से किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी लेकिन देखना होगा कि अगर सुखार की स्थिति आती है तो सरकार किसानों के राहत के लिए क्या पैकेज लेकर आती है क्योंकि 30 लाख से ज्यादा किस मतलब कम से कम सावा से डेढ़ करोड़ के आसपास झारखंड की आबादी इससे प्रभावित होगी कई ऐसे किस झारखंड में भी और भी हैं जिन लोगों के पास एक एकड़ से कम जमीन है ऐसे में उन लोगों के लिए बारिश सामान्य नहीं होना बड़ी मुसीबत का कारण बनी हुई है।
ये भी पढ़ें –
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.