India News (इंडिया न्यूज़), Dharamveer Singha, Jharkhand News: झारखंड आदिवासी के कद्दावर नेता शिबू सोरेन का परिवार मुश्किलों की दौर से गुजर रहा है। शिबू सोरेन, बीमार हैं और इलाजरत हैं, उनके लिए मुसीबत एक बार फिर गले पड़ गई है। लोकपाल मामले में अधिक संपत्ति बनाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है। वोट के बदले नोट मामले में हेमंत की भाभी और जेएमएम विधायक सीता सोरेन का मामला संविधान पीठ के पास है। इधर ईडी की कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घिर चुके हैं। पांचवी बार समन के बाद हेमंत सकते में हैं। रांची हाईकोर्ट ने हेमंत की याचिका पर कोई फैसला नहीं लिया है। झारखण्ड के मुख्यमंत्री को ED अबतक पांच बार समन भेज चुका है। ज़मीन घोटाले से जुड़े मामलों में ED उनसे पूछताछ करना चाहता है।
आपको बता दें कि पहले समन पर हेमंत सोरेन ने कहा था कि 14 अगस्त को जाना संभव नहीं क्योंकी 15 अगस्त को झंडोत्तोलन है। दूसरे समन पर ED को लंबा चौड़ा पत्र लिखकर राजनीतिक इशारों पर काम करने का आरोप लगाया। तीसरे समन पर कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट गए हैं, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पहले हाई कोर्ट जाने को कहा, इसके बाद चौथे समन पर हाई कोर्ट गए।
इस बीच ED ने पांचवां समन जारी कर दिया, और 4 अक्तूबर को तलब किया है। ED हेमंत से पूछताछ करना चाहती है। बताया जाता है की ईडी के पास पुख्ता सबूत है। दरअसल, जमीन घोटाले की जांच के क्रम में ईडी ने रांची के राजस्व कर्मचारी भानुप्रताप के घर से जमीन के कागजात भरे कई बक्से बरामद किए थे। उनमें जमीन के कई ऐसे कागजात थे, जिनमें काट-छांट कर मूल नाम की जगह दूसरे के नाम दर्ज थे। इसी सिलसिले में ईडी मुख्यमंत्री से पूछताछ करना चाहता है। ईडी ने रांची रजिस्ट्री आफिस के सर्वे के दौरान भी कुछ ऐसे कागजात बरामद किए थे, जिनके तार हेमंत से जुड़ते हैं। इसमें ये बताया जाता है की झारखंड में बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री की गई है।
देश में हेमंत सोरेन इकलौते ऐसे राजनेता और मुख्यमंत्री हैं जो ED के पांच समन के बावजूद एजेंसी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते। उन्हे पता है ईडी के शक्तियों की। PMLA कानून के तहत पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर ED द्वारा गिरफ्तार करने का नियम है। वे फिलहाल कोर्ट के शरण में हैं। हाईकोर्ट में याचिका खारिज हो या उन्हें राहत मिले, इसके बाद ही वे अपना अगला कदम उठाएंगे। खारिज होने पर एकबार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते है।
वैसे हाल ही में बंगाल में, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को भी हाईकोर्ट ने ईडी को पूछताछ में सहयोग करने के लिए कहा था। शिक्षक नियुक्ति घोटाले में ईडी ने उन्हें भी कई बार नोटिस देकर बुलाया, लेकिन वे पूछताछ से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट का चक्कर लगाते रहे। आखिरकार हाई कोर्ट ने उन्हें ईडी की पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था। वैसे इस बात की कयास लगाए जा रहे हैं कि ईडी ही अब उनकी गिरफ्तारी के लिए अदालत में अर्जी लगा कर वारंट की मांग करे। बहरहाल हाईकोर्ट के रुख का इंतजार सबको है।
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