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India News(इंडिया न्यूज), Pakistan Beggars In Middle East: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आए दिन चर्चे में रहता है। कभी भूखे मर रहे अपने नागरिकों के कारण तो कभी अपनी आतंकवादी गतिविधियों के कारण लोगों की नजर में बना रहता है। इस बार पाकिस्तान के चर्चे में आने की एक खास वजह बताई जा रही है। आतकंवाद और गधों का सप्लाई करने वाला देश पाकिस्तान अब भिखारीयों की सप्लाई को लेकर चर्चे में हैं।
दरअसल, सऊदी अरब और इराक जैसे देशों में बढ़ते भिखारी की समस्या को लेकर पकिस्तान सरकार से भिखारियों की प्रवाह को रोकने का अनुरोध किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक मक्का की ग्रैंड मस्जिद के भीतर से गिरफ्तार किए गए जेबकतरों में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी हैं। वहीं प्रवासी पाकिस्तानियों के सचिव जीशान खानजादा ने बताया कि पश्चिम एशियाई देशों में गिरफ्तार किए गए भिखारियों में से नब्बे फीसदी भिखारी पाकिस्तान से हैं।
जिन्हें इराक और सऊदी अरब के जेलों में बंद किया गया है। वहीं पाकिस्तान के जियो न्यूज उर्दू द्वारा खानजादा के हवाले से बताया गया कि, “इराक और सऊदी अरब के राजदूतों ने हमें बताया है कि पाकिस्तानी भिखारी उमरा वीजा पर जियारत (तीर्थयात्रा) की आड़ में विदेश यात्रा करते हैं और बाद में सड़कों पर भीख मांगते हैं।”
जीशान खानजादा ने सीनेटर मंजूर कक्कड़ की हअध्यक्षता में हुई बैठक में बताया कि लगभग 10 मिलियन पाकिस्तानी नागरिक विदेशों में रहते हैं। जिनमें से बड़ी संख्या के लोग भीख मांगने का काम करते हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि वीजा मिलने के बाद ये लोग दूसरे देशों में जाकर भीख के सहारे अपनी रोजमर्रा का जीवन जीते हैं।
पाकिस्तान के द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में दी गई जानकारी के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात में 16 लाख और कतर में 2 लाख पाकिस्तानी रहते हैं। वहीं राक और सऊदी अरब का कहना है कि उनका जेल पाकिस्तानी भिखारियों से भरी हुई है। अर्थव्यवस्था की परेशानियों से जूझ रहा पाकिस्तान अब मध्य पूर्वी देशों के लिए परेशानी बन चुका है। विश्व बैंक के रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान में गरीबी 39.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है। जिसके कारण लगभग 12.5 मिलियन से अधिक लोग गरीबी की चपेट में हैं।
बता दें कि पाकिस्तान अपने आतकंवाद के अलावा गंधों के एक्सपोर्ट के लिए भी जाना जाता है। पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण (पीईएस) रिपोर्ट के मुताबिक चीन से गधों की मांग के बाद देश में गधों की आबादी 2022 में 5.7 मिलियन से बढ़कर 5.8 मिलियन हो गई।
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