संबंधित खबरें
Haryana News: हरियाणा में हाथी पर सवार होकर दूल्हे ने की बिना दहेज की शादी, 1 रुपये का दिया शगुन
Haryana Roadways News: जल्द हरियाणा रोडवेज से जुड़ेगा मोहना बस अड्डा, पूर्व परिवहन मंत्री ने दिया था मंजूरी
भरी महफिल में Rahul Gandhi के चेहरे पर दिखा हारे हुए हरियाणा का दर्द? Video में कही ऐसी बात…गूंजने लगे ठहाके
Haryana Fraud News: ऑनलाइन गेमिंग एप के नाम पर ठगी, पुलिस ने कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 9 आरोपी दबोचे
'सुनो मैं पानी…', दुल्हन ने सुहागरात पर सब्र की सारी हदें की पार! फिर दूल्हे ने शेयर की ऐसी कहानी सुनकर लोगों के छूटने लगे पसीने
साइंस टीचर की कुर्सी के नीचे लगाया बम, फिर रिमोट से कर दिया धमाका, बच्चों के शैतानी दिमाग से हिला हरियाणा का यह जिला
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र व हरियाणा सरकार व किसान पिछले नवंबर से आमने-सामने हैं। समय-समय पर भाजपा नेता व किसान नेता एक दूसरे पर बयान जारी करके वे निशाना साधते रहते हैं। तभी ताजा मामले में भाजपा के बड़े नेता ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर बयान देते हुए कहसा कि वे प्रदेश में अराजकता फैला रहे हैं। ज्ञात हो कि मंगलवार को हरियाणा के करनाल में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में हो किसान संगठनों ने महापंचायत का आयोजन किया था। इसको लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता व प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने गुरनाम सिंह चढूनी पर बोलते हुए कहा कि चढूनी ने राज्य में अराजकता पैदा करने के लिए विपक्षी कांग्रेस से पैसा लिया है। दलाल ने कहा कि मुझे लगता है कि हरियाणा में लगातार अराजकता पैदा करने के लिए चढूनी ने कांग्रेस से जबरन वसूली का पैसा लिया है। वे इसे तब तक जारी रखेंगे जब तक कि कुछ निर्दोष किसान मर नहीं जाते। हालांकि, राज्य के कुछ किसानों ने महसूस किया है कि ये किसानों के बारे में नहीं सोच रहे, बल्कि राजनीति कर रहे हैं। ज्ञात रहे कि प्रमुख किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के सदस्य चढूनी उत्तरी राज्य में कृषि विरोधी कानून के विरोध का चेहरा रहे हैं। एसकेएम पिछले साल नवंबर से किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाली 40 यूनियनों का एक छत्र निकाय है।
जिला प्रशासन द्वारा 28 अगस्त को करनाल में पुलिस लाठीचार्ज से संबंधित किसानों की मांगों को मानने से इनकार करने के बाद महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। किसानों ने अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए प्रशासन को 6 सितंबर तक का समय दिया था, जिसे विफल होने पर उन्होंने चेतावनी दी थी कि वे आंदोलन करेंगे। महापंचायत और मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.