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India News(इंडिया न्यूज),Health Tips: फैटी लिवर जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में हेपेटिक स्टीटोसिस कहा जाता है। ये लिवर बॉडी से टॉक्सिन्स यानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है, इसलिए फैटी लिवर की समस्या पर समय रहते ध्यान देना बेहद जरूरी होता है नहीं तो ये काफी गंभीर स्थिति में पहुंच सकती है और यह जानलेवा भी हो सकता है। पिछले कुछ सालों में फैटी लिवर के काफी केस देखने को मिले हैं। वहीं अक्सर यह भी सोचा जाता है कि फैटी लिवर की बीमारी सिर्फ उन लोगों को होती है जो शराब का सेवन करते हैं, हालांकि जो लोग शराब नहीं पीते हैं उन्हें भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है क्यूंकि खराब खानपान भी फैटी लिवर होने की एक बड़ी वजह है।
एल्कोहॉलिक और नॉन एल्कोहोलिक, फैटी लिवर दो प्रकार होते हैं। अगर बात करें एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की तो इसमें अल्कोहल के अधिक सेवन से लिवर पर सूजन आ जाती है। जबकि नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या के पीछे खराब खानपान हो सकता है।
लिवर में थोड़ी मात्रा में फैट तो पहले से ही मौजूद होता है, लेकिन जब शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है और यह फैट में तब्दील होकर लिवर की कोशिकाओं पर जमा होने लगती है तो यह स्थिति फैटी लिवर कहलाती है, जिससे लिवर के कामकाज पर बुरा असर पड़ता है और साथ ही पाचन भी खराब होने लगता है।
ट्राइग्लिसराइड एक तरह का फैट है जो ब्लड में मौजूद होता है और हमारा शरीर इस फैट का इस्तेमाल करके एनर्जी में तब्दील करता है, लेकिन इसकी अधिकता होने पर कई तरह की समस्याएं सामने आने लगती हैं, इन्हीं में से एक हेल्थ प्रॉब्लम है फैटी लिवर। कुछ फूड्स जैसे वाइट ब्रेड, इंस्टेंट जंक फूड, कुकीज, रेड मीट, फ्राई फूड आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा को बढ़ाते हैं, क्योंकि इनमें सैचुरेटेड फैट होता है जो ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने की मुख्य वजह होता है।
फैटी लिवर की समस्या होने पर अक्सर थकान महसूस होना, लिवर के हिस्से में त्वचा पर सूजन दिखाई देना, भारीपन महसूस होना, उल्टी जैसा महसूस होना, खराब पाचन होना, भूख पर असर, वजन बढ़ना या तेजी से वजन घटना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अतिरिक्त कई बार सोचने समझने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है।
संतुलित आहार लेने से लेकर शराब से दूरी बनाकर फैटी लिवर की समस्या से आसानी से बचा जा सकता है। जिन लोगों को फैटी लिवर हो उन्हें तले भुने और जंक फूड के अलावा ज्यादा नमक और ज्यादा शुगर वाली चीजों से दूर ही रहना चाहिए। इसके अलावा वजन को नियंत्रित रखना चाहिए, इसके लिए रोजाना व्यायाम या फिर हल्की-फुल्की एक्टिविटीज जैसे टहलना, साइकलिंग को अपने डेली रूटीन में शामिल शामिल करना चाहिए।
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