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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Cruise Drugs Case सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में सीबीआई जांच की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया है कि इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की चल रही जांच में हस्तक्षेप किया गया है। मामले में बॉलीवुड सुपरस्टार Shahrukh Khan के बेटे Aryan Khan समेत और कई आरोपी हैं। लगभग 25 दिन तक जेल में रहने के बाद आर्यन खान कल बाहर आए।
क्रूज ड्रग्स मामले की पूरी जांच उस समय में विवादों में आ गई है जब से एनसीबी का गवाह ने मीडिया के सामने आकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक शुरू से ही इस एनसीबी पर निशाना साधते रहे हैं और मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ कई आरोप भी लगाए हैं। जनहित याचिका में कहा गया है, ‘गवाहों की सुरक्षा की जानी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और आरोपियों के पक्ष में अनुकूल बयान देने के लिए उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए
याचिका ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को विधि आयोग की विभिन्न रिपोर्टों में अनुशंसित राष्ट्रीय गवाह सुरक्षा योजना तैयार करने का निर्देश देने की भी मांग की है। वकील एमएल शर्मा की ओर से दायर इस जनहित याचिका में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की ओर से एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े और अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों का उल्लेख किया गया है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सामने सवाल उठाते हुए पूछा गया है कि क्या कोई मंत्री जांच में हस्तक्षेप करने और जांच अधिकारी को ‘बदनाम’ करने के बाद भी अपने संवैधानिक पद पर बना रह सकता है। याचिका में कहा गया है कि किसी भी को आपराधिक न्याय प्रणाली में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। राज्य और राज्य मंत्री संविधान की रक्षा करने के लिए बाध्य हैं और जांच में आपराधिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
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